नई दिल्ली। खुद को कल्कि भगवान घोषित करने वाले शख्स विजय कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि वो देश छोड़कर फरार नहीं हुए हैं बल्कि अपने आश्रम में ही हैं। वो पहले की तरह ही अपने दैनिक क्रियाकलाप में व्यस्त हैं। उन्होंने भारत में अपनी मौजूदगी साबित करने के लिए वीडियो भी जारी किया। विजय कुमार यानि स्वघोषित कल्कि भगवान तब चर्चा में आया था जब उसके ठिकाने जीवाश्रम पर आयकर विभाग ने छापा मारा था। आयकर विभाग की कार्रवाई में तब सबकी आंखें खुली रह गईं जब उसके ठिकाने से बड़ी मात्रा में धन संपदा बरामद की गई थी।
कल्कि भगवान के नाम से स्वघोषित विजय कुमार के आश्रम पर आयकर विभाग ने छापेमारी की तो करीब 500 करोड़ के कैश और दूसरी मूल्यवान चीजें बरामद की गई। आयकर विभाग ने आध्यात्मिक गुरु के करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। उनके आश्रम में आलमारी, कार्टन से लेकर बिस्तर के नीचे से नोटों की बरामदगी की गई थी।
किसने दिया है खुद को कल्कि भगवान का दर्जा
गुजरात से भी ऐसा ही मामले सामने आया था
गुजरात सरकार में कार्यरत एक अधिकारी रमेश चंद्र फेफर ने खुद को कल्कि भगवान का अवतार घोषित किया था। उसने कहा था कि वो दुनिया की बेहतरी और बदलाव के लिए तपस्या कर रहा है, लिहाजा वो दफ्तर नहीं आ सकता है। रमेश चंद्र फेफर सरदार सरोवर पुनर्वास एजेंसी में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर पद पर तैनात था। जब वो अपने दफ्तर नहीं आया तो उसे नोटिस दिया गया था। नोटिस के जवाब में फेफर ने कहा कि उसकी तपस्या की वजह से ही पिछले एक दशक से राज्य में अच्छी बारिश हो रही है। रमेशचंद्र फेफर ने कहा था कि 2010 के मार्च महीने में उसे अहसास हुआ कि वो भगवान का 10वां अवतार कल्कि है।
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