Kashi Vishwanath Corridor inauguration:TIMES NOW नवभारत पर बनारस से बड़ी कवरेज लगातार जारी है। आज पीएम मोदी नई काशी की सौगात देने वाले हैं। नई काशी यानी भव्य काशी, दिव्य काशी, अद्भुत काशी, अलौकिक काशी....काशी के चप्पे-चप्पे पर हमारे रिपोर्टर मौजूद हैं। काशी इतना पराना शहर जिसका जिक्र पराणों तक में मिलता है। जिसके किनारे मां गंगा बहती हैं, उसी काशी में काशी विश्वनाथ मंदिर की महिमा सदियों से है लेकिन इस नए सूरज के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर अब काशी विश्वनाथ धाम बन गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करेंगे।
पीएम मोदी गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में आएंगे, नॉथ गेट से एंट्री के बाद वो बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे और काशी विश्वनाथ मंदिर का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री का ही विजन है कि बाबा विश्नाथ मंदिर अब और भव्य और दिव्य बन पाया है। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने कई बार काशी विश्वनाथ मंदिर आए, इस दौरान गंगा नदी से जल लेकर बाबा विश्वनाथ तक पहुंचने में संकरी गलियों से गुजरने के दौरान पीएम के जेहन में एक बड़ा कॉरिडोर बनाने का विचार आया ताकि आम श्रद्धालुओं को दर्शन करने में आसानी हो। अब जब काशी विश्वनाथ धाम का पहला फेज बनकर तैयार है तो लोग मंदिर की छटा देखकर हैरान हैं।
मंदिर परिसर में एस्केलेटर लगाए गए हैं, इसके अलावा वेदिक केंद्र, यात्री सुविधा केंद्र, टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर, म्यूजियम जैसी कई सुविधाएं है। कॉरिडोर को मूर्तरूप देने के लिए दूर-दूर से पत्थर मंगाए गए, देश के कई राज्यों से काम करने वाले पहुंचे। बनारस पहुंचे हर उम्र के श्रद्धालुओं के मन में मंदिर की छटा देखकर भक्ति रस और बढ़ जा रहा है। लोकार्पण के पहले पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयाररियां पूरी हो चुकी हैं। बाबा विश्वनाथ धाम फूलों से सजा है, शाम होते ही रोशनी से जगमग हो रहा है। वहीं शहर में भी हर-हर महादेव की गूंज है, भगवान शिव की सवारी निकल रही है।
अपने फक्कड़पन के लिए पहचाने जाने वाले बनारस में बाबा विश्वनाथ मंदिर का कॉरिडोर का शिलान्यस 8 मार्च 2019 में पीएम मोदी ने किया था, महज दो सालों में ही मंदिर का कायाकल्प कर दिया गया। लेकिन तंग गलियों, दुकानों और निर्माणों के बीच कॉरिडोर बनाना बेहद ही चुनौतीपूर्ण काम था। उस वक्त बनारस के लोग किसी भी तरह के बदलाव को शहर की आत्मा से छेड़छाड़ मान रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री के दृढ निश्चय के चलते हर रुकावट को दूर किया गया। 300 प्रॉपर्टी का अधिग्रहण किया गया, 1400 दुकानदारों का पुनर्वास किया गया। निर्माण हटाए गए तो शहर में मलबे का ढेर भी लगा, लेकिन इस दौरान 40 प्राचीन मंदिरों को पता चला, इन मंदिरों को फर से स्थापित किया गया, इनका सौंदर्यीकरण कराया गया।
ये किसी भागीरथी प्रयास से कम नहीं था, लेकिन काम पूरा होने पर नतीजा ये हुआ कि काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर जो पहले महज 3 हजार वर्ग फुट था वो अब 5 हजार वर्ग फुट के विशाल परिसर में तब्दील हो गया। बदलाव का विरोध करने वाले लोग, अब इसी परिवर्तन को सराहने लगे। मंदिर के मूलरूप में बदलाव न करते हुए उसे और भव्य, और दिव्य रूप दिया गया। नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं बने थे और उन्होंने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने फैसला किया था तब शायद किसी को अंदाजा भी नहीं था काशी का ये बेटा, बाबा विश्वनाथ के मंदिर का ऐसा कायाकल्प कर देगा। 1780 में महारानी अहिल्या बाई होल्कर ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था अब पीएम मोदी ने मंदिर का कायाकल्प कराया है। जो तस्वीरें देखने को मिल रही हैं उन्हें देखकर हर कोई कह रहा है दिव्य, भव्य, अद्भुत और अकल्पनीय।
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