नई दिल्ली : पंजाब कांग्रेस में टकराव एक बार फिर तेज होता दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के गुट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बागी सुर अख्तियार करने वाले पांच नेताओं ने बुधवार को देहरादून जाकर प्रदेश प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद रावत ने माना कि पंजाब कांग्रेस में विधायकों का एक गुट कैप्टन से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि वह देखेंगे कि ऐसा क्यों है और क्या किया जा सकता है। रावत ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में इस तरह की चीजें होती रहती हैं।
हम विधायकों की नाराजगी का समाधान निकालेंगे-रावत
हरीश रावत ने कहा, 'सभी विधायकों का विश्वास सोनिया गांधी और राहुल गांधी में है। हम विधायकों की नाराजगी का समाधान निकालेंगे।' पंजाब के कुछ मंत्रियों एवं करीब 30 विधायकों की ओर से कैप्टन को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए पत्र लिखे जाने के बाद अमरिंदर सिंह और सिद्धू गुट के बीच टकराव तेज हो गया है। रावत से मुलाकात के बाद इन नेताओं का दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का कार्यक्रम है। ये नेता कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलेंगे या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
पंजाब में अगले साल होने हैं विस चुनाव
जाहिर है कि पंजाब कांग्रेस के इस ताजा अंतर्कलह को शांत करना पार्टी आलाकमान के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस पूरे मामले में कैप्टन खेमा अभी चुप्पी साधे हुए है। हालांकि, कैप्टन गुट के कुछ नेताओं का कहना है कि पार्टी को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी के दो दिग्गजों के बीच टकराव अगर यूं ही जारी रहा तो चुनाव में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा सकता है। इस विवाद का हल निकालने के लिए कांग्रेस हाई कमान क्या फैसला करता है, अब सबकी नजरें इस ओर टिकी हैं।
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