नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने विधान परिषद के गठन के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के पक्ष में 196 वोट पड़े। हालांकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस प्रस्ताव का विरोध किया। अब इस प्रस्ताव को संसद से भी पास होना होगा।
राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस प्रस्ताव को सदन में पेश किया था। सदन में मौजूद 265 सदस्यों में से 196 ने परिषद के निर्माण का समर्थन किया और 69 ने इसका विरोध किया। बीजेपी विधायक दल ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि टीएमसी चुनाव हारने के बावजूद पार्टी नेताओं को विधायक के रूप में चुने जाने में मदद करने के लिए पिछले दरवाजे की राजनीति करना चाहती है। भगवा पार्टी ने यह भी तर्क दिया कि इस कदम से सरकारी खजाने पर दबाव पड़ेगा। आईएसएफ के अकेले विधायक नौशाद सिद्दीकी ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया।
टीएमसी नेताओं ने कहा कि विधान परिषद छह अन्य राज्यों में पहले से मौजूद है, इसलिए यह पश्चिम बंगाल में भी होना चाहिए। प्रस्ताव अब दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन प्राप्त करने के लिए संसद और केंद्र में जाएगा। इसके बाद बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल जाती है तो वह लागू हो जाएगा।
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