नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इन कानूनों को लेकर किसानों की तरफ से कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। इनमें से एक पहलू कानून में दिए गए व्यापारी और किसानों के बीच विवाद निपटारे का भी है। कुछ लोगों का दावा है कि सरकार इन कानूनों के जरिए किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार छीन रही है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, विवाद निपटारे की इस पूरी प्रक्रिया से कोर्ट बाहर नहीं है। किसान यदि एसडीएम, कलेक्टर और ज्वाइंट सेक्रेटरी के फैसले से यदि संतुष्ट नहीं है तो वह सीधे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।
अधिकतम 90 दिनों में निकल जाएगा समस्या का हल
कोर्ट में पहले से ही बहुत मामले लंबित हैं ऐसे में सरकार इन कानूनों के जरिए एक ऐसी व्यवस्था खड़ा करना चाह रही है जिससे व्यापारी और किसान के बीच विवाद का निपटारा एक तय अवधि में पूरी हो जाए। इन कानूनों के जरिए कृषि एग्रीमेंट से जुड़े किसी भी विवाद का निपटारा अधिकतम 90 दिनों में हो सकेगा। आइए आसान शब्दों में समझते हैं कि विवाद होने की सूरत में किसान कैसे और कहां पर अपनी फरियाद कर सकते हैं-
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