नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने किसान संगठनों से कहा है कि शीर्ष अदालत ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है और ये अधिनियम लागू नहीं हुए हैं। आप किस चीज के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। कानूनों की वैधता को चुनौती देने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन करने का सवाल ही कहां उठता है। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक बार जब कोई मामला सर्वोच्च संवैधानिक अदालत के समक्ष होता है, तो कोई भी उस मुद्दे को लेकर सड़क पर नहीं उतर सकता। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने लखीमपुर खीरी घटना का जिक्र किया तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा कुछ भी होने पर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता।
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की उस याचिका पर किसान संगठनों के 42 नेताओं को नोटिस जारी किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बातचीत में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने नोएडा के निवासी की उस जनहित याचिका को दशहरे की छुट्टी के बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया, जिसमें विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली की सीमाओं से हटाने का अनुरोध किया गया है।
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