BS Yediyurappa News: कर्नाटक बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। ऑपरेशन लोटस के जरिए बी एस येदियुरप्पा अपनी सरकार बनाने में कामयाब तो रहे हैं लेकिन उनकी अब तक की राह आसान नहीं रही है। दबी जुबान ही सही बीजेपी के अंदरखाने उनका विरोध होता रहा है और कभी कभी तो यहां तक चर्चा चली कि उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। इस तरह के हालात में उन्होंने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और शनिवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिले। जे पी नड्डा से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की राय उनके बारे में अच्छी है, किसी ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है।
क्या इस्तीफा देंगे बी एस येदियुरप्पा
इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि जे पी नड्डा से उन्होंने कहा कि वो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी कुछ शर्त है। जब उनसे मीडिया ने सवाल किया कि क्या वो इस्तीफा देंगे तो उस सवाल के जवाब में कहा कि वो अगस्त के महीने में एक बार फिर दिल्ली आने वाले हैं, इस्तीफे का किसी तरह का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरों से उनका हर रोज वास्ता पड़ता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या बात इतनी सीधी है।
क्या कहते हैं जानकार
कर्नाटक की राजनीति के विषय में जानकार कहते हैं कि वहां की राजनीति के केंद्र में लिंगायत और वोक्कालिंगा समाज का जोर रहा है। अगर आप एच डी कुमारस्वामी की सरकार को देखें तो कहीं न कहीं कांग्रेस समर्थन जरूर कर रही थी, लेकिन जिस तरह से कुमारस्वामी अपनी नीतियों को आगे बढ़ा रही थी उससे कांग्रेस खुश नहीं थी। इसके साथ ही कांग्रेस के अंदर गुटबाजी भी बहुत थी। और उसका फायदा बीजेपी ने उठाया। अगर कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजों को देखें को बीजेपी बड़ी पार्टी थी। हालांकि नंबर उसके पक्ष में नहीं बावजूद बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाई लेकिन इस्तीफा देना पड़ा।
कर्नाटक की राजनीति में गुटबाजी और पैसे का जोर भी है। अलग अलग धड़ों के नेता हैं जिनती राजनीतिक महत्वाकांक्षा बल मारती है और उसका नतीजा आप देखते भी हैं। आने वाले दिनों में अगर बी एस येदियुरप्पा की जगह कोई और चेहरा नजर आए तो आश्चर्य करने वाली बात नहीं होगी।
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