नई दिल्ली : हाथरस में गैंगरेप की शिकार हुई 19 वर्षीय पीड़िता के भाई ने कहा कि जब परिवार ने अधिकारियों से पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगा तो उन्होंने कहा कि रिपोर्ट अंग्रेजी में है वो पढ़ नहीं पाएंगे और उन्हें समझ नहीं आएगा।
प्रशासन की तरफ से मीडिया के प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद मिरर नाऊ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की जहां पीड़िता के भाई ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी ने उसके परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट ये कहकर देने से मना कर दिया कि वह अंग्रेजी में है उन्हें समझ नहीं आएगा।
हाथरस प्रशासन और स्थानीय पुलिस लगातार किसी न किसी वजह से इस मामले को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। पहले तो स्थानीय पुलिस ने बुधवार को रात के समय में पीड़िता के शव को जलाया।
इसके बाद पीड़िता के परिवार के एक सदस्य ने ये आरोप लगाया कि उसने डीएम को ये कहते हुए सुना है कि असली बॉडी सुरक्षित है जबकि गलत बॉडी को जलाया गया है। हम जानना चाहते हैं कि किस बॉडी को उन्होंने जलाया है। लेकिन अगर वह हमारी बहन की बॉडी है तो फिर उसे इस तरह से जलाने की जरूरत क्यों आ पड़ी थी। डीएम ने हमें कहा कि अगर बहन को कोरोना हो जाता तो क्या आपको मुआवजा मिलता। आप अंग्रेजी में लिखा रिपोर्ट नहीं पढ़ पाएंगे।
पीड़िता के भाई ने आगे कहा कि एसआईटी के अधिकारी उनके घर कल (2 अक्टूबर) नहीं आई थी। अभी तक बस एक दिन यानि 1 अक्टूबर को वे उनके घर आए थे, जबकि पुलिस लगातार उनके घर पर मौजूद है। उन्होंने एसआईटी की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार द्वारा नियोजित नार्को टेस्ट से गुजरने की अनिच्छा भी व्यक्त की।
हम चल रही जांच से संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि हमें अब तक अपने सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) जिन्होंने हमें खुलेआम धमकी दी थी, उन्हें अभी तक निलंबित नहीं किया गया है। पीड़िता के भाई ने आगे कहा कि हमने अभी बॉडी की राख नहीं उठाई है क्योंकि हमें नहीं पता कि वो हमारी बहन का राख या फिर किसी और चीज का राख है।
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