पार्टनर पर हावी होना या अपने रिश्ते को कंट्रोल करना कभी भी अच्छा नहीं होता। अपने रिश्ते को नियंत्रण में करना ऐसा ही है जैसे पार्टनर को नजरअंदाज कर रहे हैं। अपने नजरिए को शेयर करना अलग बात है लेकिन पार्टनर के निर्णयों, ख्वाहिशों और विचारों को प्रभावित करने की कोशिश करना रिश्ते को कई मायनों में नुकसान पहुंचा सकता है। इससे आपके साथी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। समय के साथ आपका पार्टनर रिश्ते में घूटन महसूस कर सकता है क्योंकि उसे लगने लगता है कि उसकी राय या विचार का काई मतलब नहीं हैं। अगर आप रिश्ते में ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो ये 8 तरीके आपके काफी काम आ सकते हैं।
1. बातचीत के अंदाज पर गौर करें
यदि आप अपने हावी होने के व्यवहार को छोड़ना चाहते हैं और रिश्ते को स्वस्थ बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि सबसे पहले पार्टनर के साथ बात करने के तरीके पर गौर करें। जिस तरह आप साथी के साथ बातचीत करते हैं, उससे रिश्ते प्रभावित होता है। क्या आप अक्सर आदेश देते हैं और साथी से अपेक्षा करते हैं कि आप जो भी कहें, वह उसे मान ले अगर चीजें आपके मुताबिक नहीं होतीं तो क्या आप गुस्सा हो जाते हैं? इनमें से कुछ भी करना सही नहीं है। इसलिए पार्टनर और उसकी बातों को सूनें और समझें।
2. विनम्र बनने की कोशिश करें
एक-दूसरे के साथ विनम्र बनने की कोशिश करें। अपको हमेशा पार्टनर के साथ विनम्रता से पेश आना चाहिए। आपको ख्याल रखना चाहिए कि कहीं बात करते वक्त आप सख्त लहजे का उपयोग तो नहीं करते। अगर ऐसा है तो इसे फौरन बंद कर दें। अपनी बातचीत में सॉरी, थैंक्यू, प्लीज जैसे शब्दों का प्रयोग करें, जिससे रिश्ते में मधुरता आएगी।
3. पर्सनल स्पेस जरूर दें
हर रिश्ते में पर्सनल स्पेस की दरकार होती है। उस वक्त आपका पार्टनर अपनी मनपसंद चीजों को करना चाहता था। किसी को डायरी लिखना पसंद होता है तो कोई अपनी पसंदीदा किताब पढ़ना चाहता है। किसी को शायद कुछ और अच्छा लगे। ऐसे में उसके पर्सनल स्पेस में दखल देने से बचें। अगर आप लगातार ऐसा करते हैं तो यह ये दर्शाता है कि आप पार्टनर पर हावी होना चाह रहे हैं।
4. मन के शक को साझा करें
अपने मन के अंदर पनप रहे शक को साथी के साथ जरूर साझा करें। रिलेशनशिप में अक्सर ऐसा होता है जब आपका साथी किसी अपोजिट जेंडर के साथ ज्यादा बातचीत करता है तो मन में शक पैदा होने लगता। आप तमाम तरह की बातें सोचने लगते हैं और फिर किसी न किसी बहाने अपने साथी को तकलीफ देने लगते हैं। इससे बेहतर है कि मन मे शक हो तो साथी के साथ आराम से उसपर चर्चा करें और अपनी समस्या का समाधान निकालें।
5. आदेश नहीं, सुझाव दें
रिश्ते में साथी को आदेश देने की आदत नुकसानदेह साबित हो सकती है। बेहतर है कि आदेश देने की बजाए एक-दूसरे को सुझाव देने का प्रयास करें। जब आप अपने साथी को कुछ कह रे हों तो ध्यान रहे की वो आदेश नहीं बल्कि सुझाव लगे। आदेश और सुझाव के बीच एक महीन से धागे का फर्क होता है जिसका आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए। जैसे आप कहते हैं कि यह काम करो। इसकी जगह आप कह सकते हैं कि अगर तुम ऐसे काम करोगे/करोगी तो और अच्छा होगा। इस तरह से आपके बातचीत में प्रेम और आपसी सामंजस्य भी बढ़ेगा।
6. सकारात्मक परिवर्तन के लिए तैयार रहें
अपने रिश्ते में कुछ सकारात्मक परिवर्तनों के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। जब आप किसी के साथ एक रिश्ते में होते हैं तो हो सकता है पार्टनर को आपकी कुछ चीजें न अच्छी लगें, उसे उनसे तकलीफ होती हो। इसलिए पार्टनर को परेशान करने वाली चीजों को लेकर आपको जरूर ध्यान देना चाहिए। उन्हें बदलने का प्रयास करना चाहिए। इससे साथी के नजर में आपकी इज्जत और बढ़ जाती है और आपका प्रेम संबंध अटूट हो जाता है।
7. साथी के प्रयासों की सराहना करें
आपको साथी के सकारात्मक प्रयासों की सराहना करना चाहिए। अपने साथी में हमेशा कमियां निकालने से बचना चाहिए। यदि आपका साथी आपको खुश करने और रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए कोशिश करता है तो उसे तवज्जों दें। यहां तक कि अगर पार्टनर आपके मुताबिक काम नहीं करता, तब भी अपनी असहमति दिखाने और चिल्लाने के बजाए शांत तरीके से समझाने का प्रयास करें। आराम से बात करें कि चीजों को कैसे मैनेज करना है।
8. अधिक अपेक्षाएं रखने से बचें
रिश्ते में एक-दूसरे से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं रखने से बचना चाहिए। रिश्ते में होने के नाते आपकी पार्टनर से कुछ अपेक्षाएं हो सकती हैं, लेकिन अत्यधिक अपेक्षाओं को होना ठीक नहीं। अपने साथी से अपेक्षा कर सकते हैं कि वह आपको स्पेशल महसूस कराए, आपके लिए अच्छा भोजन पकाए, आपके साथ घूमे। हालांकि, हमेशा अपने साथी से अपेक्षाओं को पूरा करने की उम्मीद लगाए रखना रिश्ते को खराब कर सकता है। एक रिश्ते में आपसी सम्मान, विश्वास, प्यार, देखभाल और आपसी समझ का होना बेहद जरूरी है। इन बातों का ख्याल रखने से आपका रिश्ता मजबूत बनता है।