भारत में एक बड़ा मार्केट गोरे बनाने वाली क्रीम्स का है। पिछले कुछ वक्त में स्किन कलर को लेकर थोड़ी सकारात्मकता आई है। हर एक स्किन टोन अपने आप में खूबसूरत होता है, लेकिन आज भी कई लोग इस बात को मानने से कतराते हैं। वे सांवली या डार्क स्किन को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं होते और जबरदस्ती गोरे बनने की कोशिश में लगे रहते हैं। पर कई शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है सांवली रंगत किसी वरदान से कम नहीं है। जानिएं सांवली और डार्क स्किन के फायदे
स्किन कैंसर
कई शोध में निष्कर्ष निकाला गया है कि सांवली या डार्क स्किन वालों की तुलना में गोरी रंगत वालों को स्किन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। शरीर में मेलनिन (स्किन में पिगमेंट) बनता है। ये धूप में जाने पर आपकी त्वचा के लिए एक सुरक्षा कवच बना देता है। सांवली और डार्क स्किन टोन वालों में मेलनिन ज्यादा होता है। इसके चलते उनकी त्वचा पर इसकी मोटी लेयर होती है और स्किन कैंसर खतरा कम हो जाता है।
उम्र की निशानियां
एक उम्र के बाद आपके चेहरे पर इसकी निशानियां दिखने लगती है। इसके लिए बाजार में कई एंटी-एजिंग क्रीम्स भी मिलते है, जो इन दिनों काफी लोकप्रिय भी हैं। हालांकि सांवली रंगत वालों पर उम्र का असर कम दिखाई देता है। सांवले लोगों की स्किन में मेलनिन ज्यादा होता है, वहीं गोरी रंगत वालों में इसकी मात्रा कम होती है। मेलनिन स्किन को लंबे वक्त तक नुकसान से बचाता है। यहीं वजह है कि गोरे लोगों की त्वचा पर झुर्रियां और उम्र की निशानियां जल्दी दिखती है, जबकि सांवली रंगत वालों के साथ काफी वक्त बाद होता है।
टैनिंग
टैनिंग से बचना बहुत मुश्किल है। हम कितने भी महंगे प्रोडेक्ट्स लगा लें या स्कार्फ से चेहरे को छिपा लें, लेकिन ये टैन हो ही जाती है। सूरज की यूवी किरणों की वजह से टैनिंग होती है। लेकिन सांवली और डार्क स्किन वाले इससे आसानी से बच जाते हैं। दरअसल स्किन को डार्क बनाने वाले मेलनिन सूरज की किरणों को असर कम कर देते हैं। हां लेकिन मेलनिन सूरज के प्रभाव से लंबे वक्त तक नहीं बचा सकता है, इसलिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है।
सनबर्न
गोरे लोगों को आपने देखा होगा कि थोड़ी देर ही धूप में निकलकर उन्हें सनबर्न की परेशानी होने लगती है। लेकिन सांवली रंगत वालों के साथ ऐसा नहीं होता है। मेलनिन की अधिकता के चलते सनबर्न का खतरा कम होता है, हालांकि इससे पूरी तरह से सुरक्षा नहीं मिलती है।