Monkeypox : मंकीपॉक्स को हल्के में ना लें, हो सकती है न्यूरो और मानसिक बीमारी, स्टडी से हुआ खुलासा

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भाषा
Updated Sep 10, 2022 | 16:47 IST

अध्ययन से खुलासा हुआ है कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) से संक्रमित लोगों में तंत्रिका संबंधी या मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। चेचक वायरस से संक्रमित लोगों और इसका टीका लगवा चुके लोगों में तंत्रिका विकार जैसी समस्याएं सामने आने की खबरें हैं।

Do not take monkeypox lightly, it may cause neuro and mental illness, study revealed
मंकीपॉक्स के रोगियों को न्यूरो और मानसिक बीमारी हो सकती है। (तस्वीर-istock) 

लंदन: मंकीपॉक्स (Monkeypox) के कारण त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं और फ्लू जैसे लक्षण सामने आते हैं लेकिन एक अध्ययन में सामने आया है कि यह बीमारी न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) और मानसिक समस्याओं का भी कारण हो सकती है। चेचक वायरस से संक्रमित लोगों और इसका टीका लगवा चुके लोगों में तंत्रिका विकार जैसी समस्याएं सामने आने की खबरें हैं। इसलिए मैं और मेरे सहयोगी यह जानता चाहते थे कि क्या मंकीपॉक्स के कारण भी ऐसी ही समस्याएं होती हैं। हमने मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में तंत्रिका संबंधी या मानसिक समस्याओं का पता लगाने के लिए मौजूदा मंकीपॉक्स महामारी से पहले के सभी सबूतों का अध्ययन किया। नतीजे ‘ईक्लिनिकल मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।

मंकीपॉक्स की चपेट में आए लोगों (दो प्रतिशत से तीन प्रतिशत) में तंत्रिका संबंधी समस्याएं विकसित हो गईं, जिनमें ‘एन्सेफलाइटिस’ (मस्तिष्क की सूजन) भी शामिल है। हालांकि, यहां यह महत्वपूर्ण है कि ये आंकड़े कुछ प्रतिभागियों के बीच किए गए कुछ अध्ययनों पर आधारित हैं। मस्तिष्क की गंभीर और दुर्लभ समस्याओं के अलावा, हमें मंकीपॉक्स वाले लोगों के एक व्यापक समूह में सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान सहित अधिक सामान्य तंत्रिका संबंधी लक्षण पाए गए थे।

अध्ययनों को देखने से यह स्पष्ट नहीं था कि ये लक्षण कितने गंभीर थे। यह भी स्पष्ट नहीं था कि मंकीपॉक्स से पीड़ित कितने लोगों को मानसिक समस्याएं जैसे चिंता और अवसाद थीं। हम नहीं जानते कि मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में इन तंत्रिका संबंधी समस्याओं के कारण क्या थे। हालांकि हमने पाया कि मंकीपॉक्स संक्रमण वाले लोगों में मनोरोग संबंधी लक्षण हो सकते हैं। हम अध्ययन के जरिये निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते थे कि यह वायरस ही इन समस्याओं का कारण है।

यदि यह वायरस इन समस्याओं का कारण बन रहा है, तो इसमें अंतर्निहित जैविक प्रक्रियाएं अस्पष्ट हैं और इसमें वायरस सीधे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है। हमारा अनुसंधान वर्तमान मंकीपॉक्स महामारी से पहले के सबूतों पर केंद्रित है। ज्यादातर आंकड़े पश्चिम अफ्रीका से और संक्रमण से संक्रमित अस्पताल में भर्ती लोगों से संबंधित थे, जबकि इस महामारी ने मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप को प्रभावित किया है।

‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में किए गए एक अध्ययन में मौजूदा प्रकोप से प्रभावित 16 देशों के 500 से अधिक लोगों को शामिल किया गया। हालांकि ‘एन्सेफलाइटिस’ का कोई मामला सामने नहीं आया, लेकिन मंकीपॉक्स से पीड़ित 10 में से एक चौथाई से अधिक लोगों में सिरदर्द के लक्षण पाए गए। हालांकि, स्पेन में हाल में मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में ‘एन्सेफलाइटिस’ के दो मामले सामने आए हैं।

मंकीपॉक्स का प्रकोप एक वैश्विक चिंता बना हुआ है और सभी लोगों तक टीकाकरण की उपलब्धता सहित कई जनस्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता है। हालांकि मंकीपॉक्स मुख्य रूप से फ्लू जैसे लक्षण और त्वचा की समस्याओं का कारण बनता है। हमारे नवीनतम अध्ययन और बाद के अध्ययनों से पता चलता है कि ‘न्यूरोसाइकिएट्रिक’ लक्षण असामान्य नहीं हैं। हम मस्तिष्क में गंभीर समस्याओं की उम्मीद नहीं कर रहे हैं लेकिन ‘एन्सेफलाइटिस’ जैसी समस्याएं कुछ लोगों में सामने आ सकती हैं। हमें यह पता लगाने के लिए और अधिक अनुसंधान की आवश्यकता है कि क्या ये लक्षण समय के साथ बने रहते हैं और क्या ये मंकीपॉक्स के कारण होते हैं।
 

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