क्या पोस्ट कोविड के मरीजों में बढ़ रही है बाल झड़ने की समस्या, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

शारीरिक और भावनात्मक तनाव के कारण पोस्ट-कोविड मरीजों में बाल झडनें की समस्या सामने आ रही हैं। कोविड मुक्त होने के बाद अधिकतर मरीजों में बाल झडने की समस्या दिखाई दे रही है।

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कोविड मुक्त होने के बाद अधिकतर मरीजों में बाल झडने की समस्या दिखाई दे रही है।  |  तस्वीर साभार: Shutterstock
मुख्य बातें
  • शारीरिक और भावनात्मक तनाव के कारण पोस्ट-कोविड मरीजों में बाल झडनें की समस्या सामने आ रही हैं
  • बाल झड़ने से छुटकारा पाने के लिए व्यायाम और अच्छी तरह से संतुलित आहार का सेवन करें
  • कोविड -19 का प्रतिकूल प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्थितियों पर भी पड़ा है

मुंबई - कोरोना वायरस से ठिक होने के बावजूद लोग अलग-अलग तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। शारीरिक और भावनात्मक तनाव के कारण पोस्ट-कोविड मरीजों में बाल झडनें की समस्या सामने आ रही हैं।  चिकित्सा उपचार और क्यूआर 678  हेयर फॉल थेरेपी भी इन मरीजों के लिए एक प्रभावी और सुरक्षित उपाय हो सकता है। बाल झड़ने से छुटकारा पाने के लिए व्यायाम और अच्छी तरह से संतुलित आहार का सेवन करें।
 
कोविड -19 का प्रतिकूल प्रभाव मानसिक और शारीरिक स्थितियों पर भी पड़ा है। इस कारण कोविड मुक्त होने के बाद अधिकतर मरीजों में बाल झडने की समस्या दिखाई दे रही है। पोस्ट कोविड में बाल झडने की इस समस्या को टेलोजन एफलुवियम के नाम से जाना जाता है। टेलोजन एफलुवियम में किसी बीमारी या सदमे की वजह से कुछ वक्त के लिए बाल गिरने लगते है। कोरोना की वजह से होने वाला तनाव औऱ चिंता भी इसकी एक वजह हो सकती है। इसके अलावा इस बीमारी से शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिसके कारण बाल झडने लगते है।

कोरोना से बालों की समस्या 
 
द एस्थेटिक क्लिनिक्स के प्लॉस्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. देबराज शोम म्हणाले की,"बालों का झड़ना पोस्ट-कोविड मरीजों में आमतौर पर दो या तीन महीने बाद शुरू होता है। बालों के झडने का मुख्य कारण कोविड संकम्रण, पौष्टिक आहार न लेना, तनाव, वित्तीय चिंता, बुखार औऱ नौकरी खोने का डर है। इस बालों के झड़ने को टेलोजेन एफ्लुवियम के रूप में जाना जाता है। यह स्थिति बालों के झड़ने का एक अस्थायी रूप है और अक्सर कोरोना के मरीजों में इस सदमे के कारण बाल झडने लगते है। हमने हाल ही में लगभग 20  मरीजों में कोरोना से उभरने के बाद बालों के झडने की समस्या देखी है।’’

कोविड –19 बालों के झडने का एकमात्र कारण नहीं है
 
“बालों का झड़ना आमतौर पर खोपड़ी के चारों ओर से होता है। कोविड –19 बालों के झडने का एकमात्र कारण नहीं है, इसके अलावा आहार में बदलाव, वजन में कमी, अचानक हार्मोन में बदलाव और लोहे की कमी के कारण भी बाल झडने लगते है। टेलोजेन एफ्लुवियम एक अस्थायी स्थिति है, जो बालों के झड़ने की शुरुआत में लगभग तीन से छह महीने में सुधार करती है।’’


 किसी अच्छे त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें
द एस्थेटिक क्लिनिक्स के , कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट, कॉस्मेटिक त्वचा विशेषज्ञ और डरमेटो-सर्जन डॉ. रिंकी कपूर के कहॉं की, ‘‘यदि आप बालों के झडने से परेशान है, तो बालों के झड़ने के उपचार के लिए किसी अच्छे त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें।’’ डॉ. कपूर ने कहा, "आराम करो, एक गहरी साँस लो, अच्छी जीवनशैली का अवलंब करो और नियमितरूप से योग करें। इससे बालों का झडना कम होने से मदद मिल सकती है। इसके अलावा दैनंदिन कामें से वक्त निकालकर साँस लेने के व्यायाम करना सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। मौसमी सब्जिया और फल, पालक, संतरे, अंजीर और शिमला मिर्च को अपने दैनिक आहार में शामिल करें।

रात को अच्छी नींद लें
 
रात को अच्छी नींद लें और हेयर स्टाइलिंग उत्पादों और उपचारों से बचें। एक सौम्य बाल देखभाल दिनचर्या का पालन करें और उन उत्पादों का उपयोग करें जो आपके बालों के प्रकार के अनुरूप हों। बालों के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लेने के आयरन और विटामिन डी की खुराक लें। "
 
“बाल झडने की समस्या से पिडित लोगो को ‘क्यूआर 678’ थेरेपी आशा का नया किरण है। 2008 वर्ष में इस नई तकनीक के लिए पेटंट मिला था। एफडीए ने भी प्रभावी हेयर फॉल ट्रीटमेंट के रूप में व्यावसायिक उत्पादन के लिए मंजूरी दी है। यह तकनीक हेयर ट्रान्सप्लांट यानी बाल प्रत्यारोपण जैसी महंगी और पीडादायक नहीं है औऱ यह कोई सर्जरी भी नहीं है। क्यूआर 678 बालों के झड़ने पर अंकुश लगाने में मदद करता है और मौजूदा बालों की मोटाई, संख्या और घनत्व को बढ़ाता है, जो बालों के झड़ने के लिए लोगों को बढ़िया कवरेज प्रदान करता है", डॉ. शोम।

(लेखक,डॉक्टर देबराज शोम,कॉस्मेटिक त्वचा विशेषज्ञ,द एस्थेटिक क्लिनिक्स
डॉक्टर रिंकी कपूर ,प्लॉस्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन,द एस्थेटिक क्लिनिक्स)

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