Happy Republic Day 2022 Wishes Hindi Shayari, Images, Messages: हर साल 26 जनवरी के दिन, भारत का राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष हम सब 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान अपनाया गया था। इस दिन संविधान के तहत भारत को लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश घोषित किया गया था। हर एक भारतवासी के लिए गणतंत्र दिवस का दिन बहुत महत्वपूर्ण और गौरवशाली होता है।
क्योंकि यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है लिहाजा हर भारतवासी के लिए यह गर्व का दिन है जिसे सभी धूमधाम से मनाते है। आप भी गणतंत्र दिवस के बधाई के रंग अपनों के संग दे सकते हैं। गणतंत्र दिवस यानी रिपब्लिक डे के मौके पर आप इन जानदार और शानदार शायरियों के जरिए मुबारकबाद भेज सकते हैं।
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुरबानी बदनाम होने नहीं देंगे
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की
तब तक भारत माता का आंचल नीलाम नहीं होने देंगे
Happy Republic Day 2022
कुछ नशा तिरंगे की आन है,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!
गणतंत्र दिवस की शायरी
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लाल चन्द फ़लक
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
फ़िराक़ गोरखपुरी
उगते सूरज और चांद में जब तक है अरुणाई
हिन्द महासागर की लहरों में जबतक तरुणाई
वृद्ध हिमालय जब तक सर पर श्वेत जटाएं बांधे
भारत की गणतंत्र पताका रहे गगन पर छाई
(हरिवंश राय बच्चन)
Republic Day shayari in hindi
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अंधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
(जावेद अख्तर)
वतन के जां-निसार हैं वतन के काम आएंगे
हम इस ज़मीं को एक रोज आसमां बनाएंगे
(जाफर मलीहाबादी)
सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसितां हमारा
यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाकी नाम-ओ-निशां हमारा
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-जमां हमारा
(अल्लामा इकबाल)
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फत
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफा आएगी
(लाल चंद फलक)
happy Republic Day shayari in hindi
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी
(फिराक गोरखपुरी)
क्यूं जाए 'नज्म' ऐसी फ़ज़ा छोड़ कर कहीं
रहने को जिस के गुलशन-ए-हिन्दोस्तां मिले
(नज्म आफंदी)
वतन की सर-ज़मीं से इश्क़ ओ उल्फ़त हम भी रखते हैं
खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं
(जोश मलसियानी)
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
(बिस्मिल अजीमाबादी)
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियां रगड़ने दे
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा
(अज्ञात)
ऐ शांति अहिंसा की उड़ती हुई परी
आ तू भी आ कि आ गई छब्बीस जनवरी
(नजीर बनारसी)
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
(लाल चंद फलक)
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के
(कवि प्रदीप)
हैं इस हवा में क्या क्या बरसात की बहारें
सब्ज़ों की लहलहाहट बागात की बहारें
(नजीर अकबराबादी)
दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है
(अफसर मेरठी)