World Smile Day 2021 Wishes, Shayari: इन शायरी में समझिए हंसी के मायने, 'स्‍माइल डे' पर भेजिए मुबारक संदेश

Happy World Smile Day 2021 Wishes, Shayari, Images, Quotes: हंसी का जीवन में कितना महत्व है यह बताने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। आप इस मौकैे पर अपनों को शायरी भेज सकते है।

World Smile day, World Smile day 2021, world smile day shayari in hindi, world smile day shayari, World Smile day images, World Smile day wishes, happy World Smile day, happy World Smile day 2021, happy World Smile day images, happy World Smile day wishes
World Smile Day 2021: (तस्वीर साभार- istock ) 

Happy World Smile Day 2021 Wishes, Shayari, Images, Quotes: मुस्कुराइए, क्योंकि ऐसा करना किसी की खुशी का कारण बन सकता है। स्माइल यानी मुस्कुराहट के इसी महत्व को बताने के लिए 1999 के बाद से हर साल अक्टूबर के पहले शुक्रवार को वर्ल्ड स्माइल डे मनाया जाता है। 2021 में वर्ल्ड स्माइल डे 2 अक्टूबर को है।

यह दिन इस बात को याद दिलाने के लिए है कि जीवन के हालत लाख उपर नीचे हो लेकिन हंसी और हास्य में जीवन में अलग महत्व होता है। किसी भी परिवार में अगर हंसी-खुशी का माहौल नहीं है तो फिर उसका कोई मायने नहीं होता। आप इस मौके पर हंसी पर आधारित शेर-शायरी और संदेश इस प्रकार भेज सकते है। 

ये बे-ख़ुदी ये लबों की हँसी मुबारक हो
तुम्हें ये सालगिरह की ख़ुशी मुबारक हो
(अज्ञात)

ज़िंदगी की हँसी उड़ाती हुई
ख़्वाहिश-ए-मर्ग सर उठाती हुई
(विकास शर्मा राज़)

हँसी है दिल-लगी है क़हक़हे हैं
तुम्हारी अंजुमन का पूछना क्या
(मुबारक अज़ीमाबादी)

बहुत से ग़म छुपे होंगे हँसी में
ज़रा इन हँसने वालों को टटोलो
(वक़ार मानवी)

हँसी में टाल दे फिर से हमारी हर ख़्वाहिश
फिर एक बार थपक दे हमारा गाल ज़रा
(ज़िया ज़मीर)

लहजे का रस हँसी की धनक छोड़ कर गया
वो जाते जाते दिल में कसक छोड़ कर गया
अंजुम इरफ़ानी)

मिरा रोना हँसी-ठट्ठा नहीं है
ज़रा रोके रहो अपनी हँसी तुम
(मुज़्तर ख़ैराबादी)


क्या हँसी आती है मुझ को हज़रत-ए-इंसान पर
फ़ेल-ए-बद ख़ुद ही करें लानत करें शैतान पर
(इंशा अल्लाह ख़ान इंशा)

तभी वहीं मुझे उस की हँसी सुनाई पड़ी
मैं उस की याद में पलकें भिगोने वाला था
(फ़रहत एहसास)

उस की हँसी तुम क्या समझो
वो जो पहरों रोया है
(शौकत परदेसी)

कुछ हँसी खेल सँभलना ग़म-ए-हिज्राँ में नहीं
चाक-ए-दिल में है मिरे जो कि गरेबाँ में नहीं
(अल्ताफ़ हुसैन हाली)
 
ग़म की तशरीह हँसी-खेल नहीं है कोई
पहले इंसान तू बिन फिर ये हुनर पैदा कर
(मतीन नियाज़ी)

हँसी 'बिस्मिल' की हालत पर किसी को
कभी आती थी अब आती नहीं है
(बिस्मिल अज़ीमाबादी)

आगे आती थी हाल-ए-दिल पे हँसी
अब किसी बात पर नहीं आती
(मिर्ज़ा ग़ालिब)

हम न कहते थे हँसी अच्छी नहीं
आ गई आख़िर रुकावट देखिए
(इमदाद अली बहर)

सौ बार आई होंटों पे झूटी हँसी मगर
इक बार भी न दिल से कभी मुस्कुरा सके
(सलाम संदेलवी)
(साभार- रेख्ता)

अगली खबर