नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण से बचाव में मास्क की भूमिका पर कोई संदेह नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से लेकर दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महामारी से बचाव के लिए मास्क पहनने पर जोर दिया है। मेडिकल की जानी-मानी पत्रिका लैंसेट के इस रिसर्च के बाद कि कोरोना का संक्रमण हवा से भी फैलता है, डबल मास्क (Double Mask) पहनने की सलाह दी जाने लगी है। ऐसे में डबल मास्क पहनने के बारे में कुछ बातें जाननी जरूरी हैं।
कपड़े और सर्जिकल मास्क का करें इस्तेमाल
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डबल मास्क पहनने से कोरोना के संक्रमण के काफी हद तक रोका जा सकता है। कपड़े और सर्जिकल मास्क से बने डबल मास्क को पूरी तरह से चेहरे को ढकने में सक्षम और यह हवा को लीक होने से रोकने में उपयुक्त माना जा रहा है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का डबल मास्किंग के बारे में यही कहना है।
95 प्रतिशत खतरे को कम किया जा सकता है
यूएस सीडीसी ने अपने अध्ययन में पाया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने चेहरे पर कपड़े और सर्जिकल मास्क से बने डबल मास्क लगाता है तो वह कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आने के करीब 95 प्रतिशत खतरे को कम कर देता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का भी कहना है कि डबल मास्किंग चेहरे को पूरी तरह ढक लेता है। इसे पहनने पर हवा का प्रवेश कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।