चिल्लाने का परिणाम दूसरो के लिए बुरा हो या ना हो, लेकिन चिल्लाने वालों के लिए बुरा ही होता है। क्रोध को सबसे बड़ा शत्रु कहा जाता है, इसकी वजह से कई बार रिश्ते भी टूट जाया करते हैं। ज्यादा चिल्लाने या गुस्सा करने से तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है। चिल्लाने या गुस्सा करने से मस्तिष्क में कुछ ऐसे रासायनिक तत्व बनते हैं, जिसका शरीर और मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के मनौवैज्ञानिक डॉक्टर एंटोनिया क्रोनोपोलोस पूछते हैं कि आप तनावपूर्ण स्थिति में खुद को कैसे नियंत्रित करते हैं।
अक्सर जब हम किसी से बहस कर रहे होते हैं या फिर वाद विवाद में जब हमारी बात को बार बार नजरअंदाज किया जाता है तो चिल्लाना लाजमी है। हम इसे अपमान के रूप में लेते हैं और निराश हो जाते हैं। जिससे हमारे मस्तिष्क का लिम्बिक सिस्टम इसे लड़ाई की प्रतिक्रिया देता है। जिससे हमारा रक्तचाप तेजी से बढ़ जाता है और मांसपेशियां तनावग्रस्त हो जाती हैं।
जब हम किसी व्यक्ति पर चिल्ला रहे होते हैं तो हमारी चिल्लाहट सामने वाले व्यक्ति को भी चिल्लाने के लिए मजबूर करती है। इसके बाद हम और चिल्लाना शुरु कर देते हैं। ज्यादा गुस्सा आने से ब्लड प्रेशर लेवल और बढ़ जाता है।
कैसे करें गुस्से को नियंत्रित
मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के मनौवैज्ञानिक डॉक्टर एंटोनिया क्रोनोपोलोस के अनुसार चिल्लाते हुए एकदम से शांत होना असंभव होता है। इस दौरान आप गहरी लंबी सांस लें, बातचीत को रोकने की कोशिश करें। सबसे अच्छा तरीका है कि आप बात को समझने की कोशिश करें और मामले को सुलझाने का प्रयास करें। क्रोध के समय आप खुद को रिलैक्स महसूस करें।
इन सभी बातों पर करें विचार
एक सप्ताह में एक दिन शांत जगह में बैठकर सोचें कि आपका व्यवहार कैसा रहा और आपके क्रोध का कारण क्या था। इस दौरान आपने अच्छी नींद ली थी या नहीं ठीक से खाया था या नहीं। प्रतिदिन के हिसाब से इसे शून्य से लेकर 10 तक की रेटिंग दें। तथा इसमें शामिल लोग, विषय और स्थान के बारे में सोचें, क्योंकि आत्म देखभाल आपकी संख्या को प्रभावित करता है।
डॉक्टर एंटोनिया के अनुसार जब आप अपने क्रोध को एक संख्या देते हैं तो वह अधिक स्पष्ट हो पाता है। आप 1, 4 और 8 के बीच नंबरो को महसूस कर सकते हैं। ऐसे में इसे अपने गुस्से के हिसाब से नंबर दें। तथा विचार करें कि आपके गुस्से का कोई अर्थ है या नहीं।
लंबी गहरी सांस लें
डॉ क्रोनोपोलोस कहते हैं कि गुस्से को कम करने के लिए सबके अपने तरीके होते हैं। गुस्सा आने पर आपको लंबी गहरी सांस लेना चाहिए। वहीं जब आप शांत हों तो अपनी मांसपेशियों को आराम दें। इसके बाद आप बेहतर अंतर कर पाएंगे कि कब आपका शरीर आराम की स्थिति में है और कब तनावग्रस्त होता है। क्रोनोपोलोस इसे डिस्क्रिमिनेशन की स्थिति कहते हैं।
गुस्से को करें नियंत्रित
अपने दिन के बारे मे सोचें और देखें की आप मुश्किल क्षणों को कैसे संभालेंगे। कोई भी व्यक्ति बेवजह नहीं चिल्लाता, यह परिस्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन इन उपायों को कर स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। एक ही स्थिति पर आपकी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी हो सकती हैं, क्योंकि हर दिन अलग होता है। अपने गुस्से को नियंत्रित करने के लिए ऊपर दिए बिंदुओं पर एक बार विचार विमर्श अवश्य करें।