Rabindranath TagoreInspirational Quotes: देश के महान विभूतियों में से एक रबीन्द्रनाथ टैगोर की आज जयंती है। महान कवि, लेखक, चित्रकार, दार्शनिक और लघु कथाकार, रवींद्रनाथ टैगोर ने देश व बंगाली साहित्य के परिदृश्य पर अपने कार्यों से एक अमिट छाप छोड़ी है। ये गीतांजलि के लिए 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय और पहले गैर-यूरोपीय थे।
बंगाली कैलेंडर के अनुसार, टैगोर जयंती बोईशाख महीने के 25वें दिन पड़ती है। इस साल, जयंती 9 मई को भारत और बांग्लादेश में बंगाली समुदाय द्वारा मनाई जा रही है। टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 को हुआ था। इन्होंने न केवल देश के साहित्य में प्रमुख भूमिका निभाई थी, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी थे। अपनी कविताओं के माध्यम से इन्होंने नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावनाओं को लगाया। ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम द्वारा उन्हें 1915 में नाइटहुड से सम्मानित किया गया था, जिसे बाद में उन्होंने 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में वापस कर दिया था।
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आइए हम रबीन्द्रनाथ टैगोर के कुछ प्रेरणादायक उद्धरणों पर एक नजर डालें-
मानवता को देते थे सबसे ज्यादा महत्व
रबीन्द्रनाथ टैगोर अपने जीवन में मानवता को राष्ट्रवाद से ऊंचे स्थान पर रखते थे। टैगोर ने कहा था, "जब तक मैं जिंदा हूं मानवता के ऊपर देशभक्ति की जीत नहीं होने दूंगा।" ईश्वर और इंसान के बीच मौजूद आदि संबंध उनकी रचनाओं में विभिन्न रूपों में उभर कर आता है। रबीन्द्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन में साहित्य की सभी विधाओं में रचना की। इनकी गान, कविता, उपन्यास, कथा, नाटक, प्रबंध, शिल्पकला जैसी सभी विधाओं में की गई रचनाएं विश्वविख्यात हैं।