नई दिल्ली: लोग अक्सर अपने रिश्तों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए कई तरह की कोशिश करते हैं। वे अक्सर अपने संबंधों को मजबूत करने और उसमें स्पार्क बनाए रखने के लिए अपने सिद्धांतों और तरीकों तक को बदल देते हैं। इतना ही नहीं, लोग उन चीजों से बचने की भी पूरी कोशिश करते हैं जो उनके रिश्ते में टकराव और समस्याएं ला सकती हैं। इसके बावजूद कभी-कभी कई मिथक यानी भ्रांतियां आपके रिश्ते में खटास उत्पन्न कर देती हैं। रिश्ते में गरमाहट बरकरार रखने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते, लेकिन कभी-कभी मिथक उनके रिश्ते को तबाह कर देते हैं।
पहली नजर में प्यार
आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि पहली बार जब वे अपने साथी से मिले थे, तो उन्हें पता था कि वही वो शख्स है, जिसके साथ वो पूरी उम्र काट सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दुनिया में हर किसी का प्यार एक जैसा होगा। यह संभव हो सकता है कि आप पहली मुलाकात में किसी व्यक्ति के प्रति आकर्षित हों लेकिन वह आपका प्यार नहीं हो सकता है। आपको यह पता लगाने की आवश्यकता है कि क्या वह व्यक्ति वास्तव में आपको महत्व देता है, आपकी पसंद, नापसंद, राय और व्यक्तिगत स्थान का सम्मान करता है और आपकी आत्मीयता में खुश है।
पार्टनर की खुशी के लिए खुद को बदलना
अपने आप में कुछ सकारात्मक बदलाव लाना अच्छा है लेकिन अपने साथी के लिए खुद को पूरी तरह से बदलना ये उचित नहीं है। यह दिखाता है कि आपका साथी आपको वैसे ही स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है जैसा आप हैं। अगर आपका साथी आपसे लगातार इस तरह से खुद को बदलने के लिए कहता है, जिससे आपको अपना व्यक्तित्व खोना पड़ सकता है, तो यह अच्छा संकेत नहीं है। इसलिए इस तरह के मिथक को अपने दिल और दिमाग में जगह बनाने न दें।
भरोसा पाने के लिए पासवर्ड शेयर करना आवश्यक
अक्सर ये भ्रान्ति गहरे से गहरे रिश्ते को बेकार कर देती है। ऐसा कुछ नहीं है कि जबतक आप अपने पार्टनर के साथ अपने सीक्रेट पासवर्ड शेयर नहीं करेंगे तो वो आप पर भरोसा नहीं करेगा। इस तरह की भ्रांतियों पर विश्वास न करें।
पार्टनर ही प्राथमिकता
सिर्फ इसलिए कि आपने एक रिश्ते में है और वास्तव में एक दूसरे के साथ प्यार में हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आपका साथी आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह संभव हो सकता है कि आपके साथी की अन्य प्राथमिकताएं जैसे कि उसका करियर, उसके माता-पिता और बहुत कुछ हो।
प्यार का मतलब समझौता
जब आप किसी के साथ रिश्ते में होते हैं तो आप दोनों ही कुछ मामलों में समझौता करते हैं, लेकिन प्यार में कोई समझौता नहीं होता। बेशक, ऐसे समय होते हैं जब आपको अपने रिश्ते में समझौता करना पड़ सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको अपने आत्म-सम्मान और व्यक्तिगत स्थान सहित हर चीज पर समझौता करने की आवश्यकता है।
पार्टनर पजेसिव है मतलब सच्चा प्यार
अजीब तरह का मिथक है जो आपके रिश्ते को दीमक की तरह तबाह कर देता है। पजेसिव होने का मतलब सच्चा प्यार नहीं है. कभी-कभी यह सच हो सकता है, लेकिन आपको अगर लगता है कि पजेसिव होना सच्चे प्यार की निशानी है, तो यह एक विषैले मिथक के अलावा और कुछ नहीं है। पजेसिव होना ये नहीं दर्शाता कि आप किसी से प्रेम करते हैं, बल्कि यह दर्शाता है कि आप अपने साथी को केवल अपने लिए चाहते हैं।
सच्चे प्यार में एक-दूसरे के दिमाग को पढ़ सकते हैं
भले ही आप एक रिश्ते में हैं, लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखिए कि आप दो अलग-अलग इंसान हैं। जुड़वा बच्चे भी हुबहु एक जैसे नहीं होते, फिर अप दोनों तो बहुत अलग हैं। आप एक दूसरे के साथ हैं, इसका अर्थ ये बिल्कुल नहीं है कि आप एक दूसरे के विचारों, मनोभावों आदि को पढ़ सकते हैं। इस तरह के मिथक को अपने भीतर जगह बनाने न दें।
रिश्ते को मजबूत लंबा चलाने के लिए बच्चे होना आवश्यक
अक्सर जब एक रिश्ता टूटता है तो लोग यही कहते हैं कि काश एक बच्चा हो गया होता तो दोनों का रिश्ता नहीं टूटता। बच्चा दोनों के रिश्ते की डोर है। हाँ, ये सच है कि बच्चा दो लोगों के दिलों को टुकड़ा हो सकता है, लेकिन ये बिल्कुल सही नहीं है कि आपका रिश्ता तभी लंबा चलेगा जब आप दोनों का बच्चा होगा।
इर्ष्या सच्चे प्रेम की निशानी
आपको अपने साथी के दोस्तों से जलन हो सकती है और कई बार ये बहुत सामान्य बात है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि जबतक आपको इर्ष्या नहीं होगी तब तक अपने पार्टनर से सच्चा प्यार नहीं होगा। यदि कोई व्यक्ति लगातार अपने साथी या अपने दोस्तों से ईर्ष्या करता है, तो यह किसी विषाक्तता से कम नहीं है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति असुरक्षित है।
प्यार में सिर्फ दीजिए, मांगिए मत
अक्सर लोग प्यार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। प्यार में अपना सबकुछ दीजिए, लेकिन कभी किसी चीज की डिमांड मत कीजिए। साफ शब्दों में कहें तो ये कि अपने पार्टनर को अपनी तरह से आप फुल अटेंशन दीजिए, लेकिन उससे कुछ आशा मत कीजिए। ये मिथक आपके रिश्ते को और खुद आपको बहुत कमजोर कर देगा। अगर आपको लगता है कि रिश्ते में सब कुछ देना और कुछ भी नहीं की उम्मीद करना एक बड़ी बात है, तो यह गलत है। एक स्वस्थ संबंध देने और लेने के बारे में होना चाहिए। रिश्ता दो लोगों से चलता है, न कि इन फालतू की बातों से। गहरा करना ही है, तो अपने रिश्ते को कीजिए।