सिंगल पेरेंटिंग और बेहतर पैरेंटिंग क्या होता है, ये कोई बॉलीवुड एक्ट्रेस और फिटनेस फ्रीक सुष्मिता सेन से सीखें। सुष्मिता सेन ने अभिभावक होने का ऐसा उदाहरण पेश किया है, जो हर पेरेंट्स के लिए सीखने लायक है।
24 साल की उम्र में जब सुष्मिता ने पहली बेटी गोद ली, तो हर किसी की निगाहों की नूर बन गईं। साल 2010 में अपनी दूसरी बेटी को गोद लेकर सुष्मिता ने देश और दुनिया के सामने दो उदाहरण रखें। एक तो ये कि बेटियां बोझ नहीं होतीं और दूसरी की एक औरत बिना शादी और बच्चा पैदा किए अच्छी और सफल माँ बन सकती है।
पैरेंट बनकर खुश
सबसे बड़ी सीख किसी को सुष्मिता से यही लेना चाहिए। सुष्मिता ने जब पहली बेटी को गोद लिया था, तो उनकी उम्र सिर्फ 24 साल थी। ऐसे में कम उम्र, एक तरफ एक्ट्रेस होना ये सब सुष्मिता के लिए काफी था कि वो किसी को अभी गोद न लें। इतना ही नहीं सुष्मिता के इस कदम के पीछे कई बार आलोचनाएं भी हुईं, लेकिन उनकी सबसे खास बात ये थी कि वो पैरेंट बनकर बहुत खुश थीं। और शायद यही कारण था कि वो अपना 100 प्रतिशत अपनी बेटी को दे पायीं। आप जो कुछ भी करना चाहते हैं, सबसे पहले जरूरी है कि आप उससे खुश हों, नहीं तो आप अपना पूरा ध्यान उसपर नहीं दे पाएंगे।
ईमानदार और स्पष्ट बनें
पैरेंट बनने के लिए ये दोनों ही बहुत जरूरी हैं. बिना इसके आप खुद से और बच्चे से न्याय नहीं कर पाएंगे। बच्चों के ऐसे बहुत से सवाल होते हैं, जो आपको असहज कर देते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि जबतक आप स्पष्ट नहीं होंगे आप उन्हें सही जवाब नहीं दे पाएंगे। एक वेब पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू में सुष्मिता ने कहा था कि एक बार उनकी बड़ी बेटी रिनी स्कूल से लौटकर आई और अपने पिता के बारे में सुष्मिता से पूछा। सुष्मिता ने उस समय शिवलिंग की ओर इशारा करके कहा कि वही तुम्हारे पिता था। अगर आप भी सिंगल पेरेंटिंग के बारे में सोच रहे हैं, तो इस तरह के सवाल आपके सामने भी उठ खड़े हो सकते हैं।
बच्चों को लिखें उत्साह वर्धक नोट्स
सुष्मिता सेन हमेशा से एक बेस्ट माँ बनना चाहती थीं। अपने बच्चों तक वो ज्ञान की हर चीज पहुंचाना चाहती थीं। इसलिए सुष्मिता ने इसके लिए पत्र व्यवहार को सही विकल्प के रूप में चुना। सुष्मिता अपनी बेटियों को समय-समय पर उत्साह और ज्ञान वर्धक पत्र लिखती रहती हैं. instagram पर उन्होंने एक ऐसा ही पत्र शेयर किया।
कुछ नया सीखने में करें बच्चों की मदद
अगर आप बेहतर पेरेंट्स बनना चाहते हैं, तो हमेशा अपने बच्चों को कुछ नया सीखने में मदद करें। बच्चों में सीखने की ललक होती है। कम उम्र में वो चीजों को जल्दी सीख लेते हैं। इसका फायदा उठाकर आप उन्हें नई चीजें सिखाएं। सुष्मिता अपनी बड़ी बेटी रिनी के कत्थक नृत्य का वीडियो पोस्ट करती रहती हैं और वहीँ छोटी बेटी की कई भाषा में बोली गई कविताओं को वो सोशल मीडिया पर पोस्ट करती हैं।
माता-पिता बच्चों के आदर्श होते हैं। इस बात का ध्यान आप हमेशा रखिएगा। आप जिस तरह से उनके साथ पेश आएंगे, आगे चलकर वो वैसा ही करेंगे। इसलिए एक बेहतर पेरेंट्स की तरह उनकी परवरिश करें।