Popular Street Foods of India: भारत, इस देश के अनेकों रंग और ढंग हैं। सैकड़ों भाषाएं और अलग-अलग संस्कृती है। इन सबके बीच सबसे अनोखा है इस देश का खानपान। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक स्वाद का ऐसा तड़का है कि एक चटोरे इंसान की पूरी उम्र अलग-अलग व्यंजनों को चखने में निकल जाए।
कश्मीरी वाजवान, पंजाब के पराठे, बिहार का लिट्टी चोखा, राजस्थान की जलेबी, इंदौर का पोहा, महाराष्ट्र की पाव भाजी, हैदराबाद की बिरयानी, कर्नाटक का कोरी गस्सी और केरल की फीश करी। इतने नाम काफी हैं आपके मुंह में पानी लाने के लिए। लेकिन इन व्यंजनों का स्वाद चखने का अगर मन कर जाए तो सबसे शानदार, स्वादिष्ट और सस्ता जुगाड़ होते हैं स्ट्रीट वेंडर्स। भारत पूरी दुनिया में स्ट्रीट फूड्स का सबसे बड़ा ठिकाना है। उसकी सबसे बड़ी वजह यहां का सादा जीवन और खाने के प्रती लोगों की दीवानगी है।
भारत के स्ट्रीट फूड्स की कहानी
यहां हर छोटे-बड़े शहर की गलियों में, नुक्कड़ों पर, चौक चैराहों पर आपको कोई न कोई मश्हूर स्ट्रीट फूड वाला मिल जाएगा। भारत मसालों का धनी देश है। यहां हर स्ट्रीट फूड की कहानी उसमें इस्तेमाल होने वाले मसाले से शुरू होती है। कुछ जायकों की खोज तो हालातों के हिसाब से हुई। अब आप मुंबई के पावभाजी को ही ले लीजिए। पाव भाजी की शुरूआत मुंबई में 18वीं सदी में हुई थी। उस जमाने में मुंबई के स्ट्रीट फूड वेंडर्स दिन की बची हुई अलग-अलग तरह की सब्जियों को मिक्स कर देर रात फैक्ट्री से निकलने वाले मजदूरों को खाने के रूप में देते थे। बस वहीं से पाव भाजी ने अपना रुप ले लिया।
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भारत क्यों है स्ट्रीट फूड हब ?
भारत में स्ट्रीट फूड गरीब मजदूर तबका और छात्रों का सहारा है। कम पैसे में पेट भरने के लिए यह सबसे अच्छा तरीका है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में स्ट्रीट फूड से करीब एक करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। भारत में स्ट्रीट फूड की बड़ी वैरायटी मौजूद है। मौसम और जगह के हिसाब से स्ट्रीट फूड का स्वाद और बनाने का तरीका बदल जाता है। भारत ने अभी तक अपने परंपरागत खानपान के तरीकों को बनाए रखा है। यह बात सैलानियों और खानपान के शौकीन लोगों को बहुत आकर्षित करती है।
भारत कैसे पहुंची जलेबी ?
जलेबी भारत के सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड्स में से एक है। राजस्थान की जलेबी का जायका पुरी दुनिया में मश्हूर है। लेकिन जलेबी एक भारतीय व्यंजन नहीं है। भारत में जलेबी करीब 500 साल पहले पहुंची। जलेबी को भारत लाने का श्रेय पर्शीयन व्यापारीयों को जाता है। जलेबी का हिंदी नाम इसके अरबिक नाम 'जलाबिया' से ही आया है। ईरान में जलेबी को 'जुलाबिया या जुलुबिया' के नाम से जाना जाता है।
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स्ट्रीट फूड्स के लिए भारत के चार मश्हूर शहर
वैसे पुरा भारत ही स्ट्रीट फूड के चाहने वालों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं। लेकिन कुछ शहर ऐसे हैं जहां हर कदम पर स्वाद का तड़का है।
दिल वालों की दिल्ली
दिल वालों का शहर दिल्ली स्ट्रीट फूड के मामले में भारत के तमाम शहरों से आगे है। मुगलों के खानपान और उसपर अंग्रेजों की इंग्लिश संसकृति के तड़के ने दिल्ली के खानपान को एक अलग ही रूप दे दिया। जब आप पुरानी दिल्ली के जामा मस्जिद की तरफ जाने वाली सड़क पर चल रहे होते हैं तो आपको कोयले पर भूने हुए चिकन की खुशबू अपनी तरफ बुला रही होती है। अगर आपने दिल्ली के कुरैशी कबाब नहीं खाए हैं तो शायद आपने एक बेहतरीन स्ट्रीट फुड को मिस कर दिया है। कुछ तीखा खाने के बाद मीठे की तलब जरूर होती है। आपकी इस ख्वाहिश को पूरा करता है रसदार शाही टुकड़ा। दिल्ली के हर नुक्कड़ पर आपको छोले कुल्चे और छोले चाट वाले दिख जाएंगे। चांदनी चौक की चाट चटोरे लोगों को अपने तरफ खींच लाती है। दिल्ली वोलों ने तो तिब्बती खाना 'मोमोज' को भी अपना बना लिया। पुरानी दिल्ली ने तो पुरी दुनिया में अपने स्ट्रीट फुड के लिए एक अलग पहचान स्थापित की है।
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पिंक सिटी जयपुर का राजशाही खाना
गुलाबी नगरी जयपुर ने राजशाही खानपान को एक नई पहचान दी है। देश भर को काठी रोल और मटन टिक्का का जायका जयरपुर ने बताया। अगर आपने पिंक सिटी में पानी पूरी नहीं खाया हैं तो शायद आपने देश के सबसे बेहतरीन पानी पूरी का स्वाद नहीं चखा है। नॉन वेज खाने वालों के लिए जयपुर में एक खास चीज है। वो है तीखी लाल मिर्च के तड़के वाला लाल मांस। जयपुर का एक और लोकल स्नैक है प्याज कचौरी जिसकी 50 से ज्यादा किस्में मौजूद हैं। जयपुर की सबसे स्वादिष्ट प्याज कचौरी का ठिकाना है जगत रावत मिष्ठान भंडार। जयपुर के घेवर भी पूरे भारत में मश्हूर हैं। पिंक सिटी जितना खूबसुरत है उस से कहीं ज्यादा मिठास यहां के श्रीखंड में है। क्रीमी टेक्सचर और ड्राई फ्रूट्स से भरपूर श्रीखंड लाल मांस खाने के बाद लोगों की पहली पसंद है।
माया नगरी मुंबई की भेलपूरी
मुंबई एक एसा शहर है जहां रहने को आशियाना और खाने को खाना दोनों ही बड़ी मुश्किल से हासिल होता है। मुंबई जिंदादिली से भरा हुआ शहर है। आपने वो गाना तो जरूर सुना होगा 'मैं तो रस्ते से जा रही थी, भेलपुरी खा रही थी'। मुंबई के जुहू चौपाटी की भेलपूरी बॉलीवुड से लेकर आम लोगों के बीच मश्हूर है। मुंबई की पावभाजी ने तो ऐसी पहचान बनाई के अब विदेशों में भी यह स्ट्रीट फुड बन गया है। मुंबई और वड़ा पाव तो एक दूसरे के समानार्थी हो गए हैं। बस एक बार कल्पना कीजिये के आप लहसुन की तीखी चटनी और लाल मिर्च की सूखी चटनी के साथ वड़ा पाव का स्वाद ले रहे हैं। अगर कभी मुंबई जाना हो तो चर्च गेट के नजदीक 'नई खाओ गली' जरूर जाइये।
कोलकाता- सिटी ऑफ जॉय
जयपुर ने भले ही देश भर में काठी रोल को पहचान दिलायी। लेकिन कोलकाता ने काठी रोल के स्वाद में असल तड़का लगाया है। कोलकाता के काठी रोल में आपको कबाब, प्याज, नींबू, और तीखी चटनी का स्वाद मिलेगा। कोलकाता की झालमुरी का तीखापन आपको चेहरे की लाली तो जरूर बढ़ा देगा लेकिन स्वाद के मामले में आप मायूस नहीं होंगे। पूरे देश में गोलगप्पा खाते हैं लेकिन कोलकाता के लोग खाते हैं पुचका। वो पुचका जिसकी इमली का स्वाद आपको मुंह में कभी भी पानी ला सकता है। कोलकाता में एक खास चिज मिलती है और वो है 'मोचा चाप'। मोचा चाप केले के फूल का कटलेट होता है। खाने में स्वाद से भरपूर और सेहत के लिए भी फायदेमंद। कोलकाता के स्ट्रीट पर एक और सस्ता और स्वादिष्ट व्यंजन मिलता है और वो है 'घूघनी'। उबले चने में प्याज, हरा धनिया और मिर्च साथ में इमली का रस और फिर तैयार हो जाती है 'घूघनी'।
भारत अनेकताओं में एकता वाला देश है। बिल्कुल वैसा ही यहां का स्वाद है। ढेर सारे मसालों की मौजूदगी के बावजूद इस देश में हर स्ट्रीट फूड का स्वाद लोगों को भाता है। अगर आप खाने पीने के शौकीन हैं तो आपको घूमने के लिए विदेश जाने से पहले भारत के हर हिस्से में घूम-घूम कर स्ट्रीट फूड का मजा लेना चाहिए।