National Family Health Survey: शहर के मुकाबले गांव की महिलाओं के सेक्सुअल पार्टनर ज्यादा हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) में सामने आई है। सर्वे में 2019-21 के दौरान के आंकड़े जुटाए गए हैं। इस सर्वे में बताया गया है कि लाइफटाइम में शहरी महिलाओं के सेक्सुअल पार्टनर औसतन 1.5 हैं तो वहीं ग्रामीण महिलाओं औसतन 1.8 से अधिक सेक्सुअल पार्टनर रहते हैं।
सर्वे के मुताबिक पुरुषों के औसतन 1.7 के मुकाबले महिलाओं के औसतन 1.5 सेक्सुअल पार्टनर रहते हैं। इस सर्वेक्षण में गांव की ऐसी महिलाओं ने भी भाग लिया जो कभी विधवा, तलाकशुदा या विवाहित नहीं हुईं हैं। इनके अनुसार 12 महीने में इन्होंने दो या दो से ज्यादा लोगों के साथ यौन संबंध रखा है। डेटा में यह भी बताया गया है कि 3.6% पुरुष, 0.5% महिलाओं की तुलना में ऐसे व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाए हैं, जो न तो उनकी लाइफ पार्टनर थीं और न ही उनके रिलेशनशिप को एक साल हुए थे।
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धर्म के अनुसार रिलेशनशिप आंकड़ा
सर्वेक्षण के दौरान हिंदू पुरुषों के सबसे अधिक यानि औसतन 2.2 यौन साथी थे। वहीं सिख और ईसाई के 1.7 तो जैनियों के सबसे कम औसतन 1.1 ही थे। हालांकि सिख और बौद्ध धर्म के लोग ऐसे थे, जिन्होंने 12 महीनों के अंदर एक से अधिक यौन संबंध रखें हैं। जबकि जैन और इस्लाम का अनुपात सबसे कम पाया गया है। देश के संदर्भ में सर्वे में बताया गया है कि राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में महिलाओं के सेक्सुअल पार्टनर ज्यादा हैं। ये आंकड़े इसलिए भी हैरान करते हैं क्योंकि इन राज्यों में महिलाओं को लेकर स्थिति ठीक नहीं बताए जाते हैं।
दिल्ली की बात करें तो एक महिला औसततन एक या उससे ज्यादा सेक्सुअल पार्टनर रखती है लेकिन राजस्थान में औसतन तीन और मध्य प्रदेश में 2.5 सेक्सुअल पार्टनर रखती हैं। सर्वे के मुताबिक गांवों में महिलाओं ने सेक्सुअल पार्टनर को लेकर खुलकर बात की। यह उस सोच के उलट है, जिसमें कहा जाता है कि गांव की महिलाएं सेक्स से जुड़ी बात करने में संकोच करती हैं।