Parenting Tips In Hindi: आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में बच्चे का लालन-पालन सही तरीके से करना किसी भी पेरेंट के लिए बहुत बड़ा चैलेंज होता है। बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं, माता-पिता पर उनकी जिम्मेदारी और बढ़ने लगती है। जब बच्चे बड़े होने लगते हैं, तो पेरेंट्स को कुछ-कुछ बातें बच्चों को जरूर सिखानी चाहिए। आपकी सिखाई गई बातें उन्हें अच्छा इंसान बनने में मदद करती हैं। कुछ माता-पिता अपने बच्चों को कम उम्र में ही सारी बातें सिखा देना चाहते हैं। यदि आपका तरीका भी कुछ ऐसा ही है तो यह करना छोड़ दें। बच्चों को हमेशा उम्र के हिसाब से किसी बात को बताएं या समझाने की कोशिश करें। तो आइए आज हम आपको ऐसी 5 खास बातें बताते हैं, जो 10 साल की उम्र में आपको अपने बच्चे को जरूर सिखानी चाहिए।
10 साल में बच्चों को सीखाने वाली बातें
1. हर इंसान का सम्मान करना
बचपन से हमें लड़कियों का सम्मान करना सिखाया जाता है। यदि आप भी अपने बच्चों को यही बात सिखा रहे हैं, तो उन्हें लड़की के साथ-साथ लड़के का भी सम्मान करना सिखाएं। ऐसा करने से आपके बच्चों में लड़का-लड़की को लेकर भेदभाव उत्पन्न नहीं होगी।
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2. बच्चों को उनके बॉडी पार्ट के बारे में बताएं
10 साल की उम्र में चाहे वह लड़का हो या लड़की माता-पिता को उन्हें उनके शारीरिक बनावट की बेसिक जानकारी जरूर देनी चाहिए। इस उम्र में बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में जरूर बताना चाहिए। ऐसे उम्र में बच्चों को पर्सनल हाइजीन से जुड़ी कुछ जानकारियां भी पेरेंट्स को देनी चाहिए।
3. ग्रेड से ज्यादा नॉलेज को दें महत्त्व
आजकल अधिकांश पेरेंट्स अपने बच्चे के मॉर्क्स से खुश नहीं रहते हैं। यदि उनका बच्चा उनके अपेक्षा के अनुसार खरा नहीं उतरता है, तो वह अपने बच्चे को डांटना या मारना शुरु कर देते हैं। यदि आप भी अपने बच्चों के साथ ऐसा ही रौब रखते हैं तो ऐसा ना करें। बच्चों को सिखाएं की ग्रेड से ज्यादा नॉलेज जरूरी है।
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4. ऐसा काम बच्चों को ना करने दें, जो उनके मन के विरुद्ध हो
इस उम्र में बच्चे अक्सर अपनी एक खास जगह बनाना चाहते हैं। कभी-कभी तो वह दोस्तों के बीच पॉपुलर होने के लिए ऐसे काम कर बैठते है, जो उनके मन के विरुद्ध होता हैं। ऐसा करने से आप अपने बच्चों को रोकें। उन्हें बताएं कि मन के विरुद्ध काम करने से उन्हें तकलीफ हो सकती है।
5. उन्हें बताएं कि माता-पिता उनके दोस्त होते हैं, दुश्मन नहीं
बच्चे डर की वजह से अपने माता-पिता से अपने दिल की बात नहीं कह पाते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि वह अगर अपनी दिल की बात अपने पेरेंट्स से कहेंगे, तो शायद उन्हें डांट या मार लग सकती है। यदि आप अपने बच्चे को यह विश्वास दिलाएं कि पेरेंट्स बच्चे के दोस्त होते है, दुश्मन नहीं और यदि आप उन पर चिल्लाने के बजाय उनके साथ प्यार से बात करें, तो शायद आपके बच्चे अपने दिल की बात आपसे जरूर बताएंगे। अगर ऐसा होगा तो आपका रिश्ता अपने बच्चे से बेहतर हो जाएगा, इसके साथ वह आपकी इज्जत भी और अधिक करने लगेंगे। वह आपको अपना दोस्त समझनें लगेगें।