नई दिल्ली: चावल भारत का मूल भोजन है। उत्तर से दक्षिण तक भारत के हर प्रांत में चावल को बड़े चाव से भोजन में प्रयोग किया जाता है। उत्तर भारत में चावल के पके रूप को भात कहा जाता है। इससे कई तरह के व्यंजन बनते हैं, जैसे- खिचड़ी, बिरयानी, इडली, डोसा, कई प्रकार की मिठाइयां आदि। भारत में उगाया जाने वाला बासमती चावल विदेशों में भी बहुत लोकप्रिय है।
आजकल लोगों ने मोटापे व डायबिटीज के कारण चावल से दूरी बनानी शुरू कर दी है। लेकिन चावल खाने के शौकीन सेहत के चलते 'ब्राउन राइस' का सेवन करने लगे हैं। धान के पौधे से चावल निकालने की प्रक्रिया में यदि ब्रान की परत हटा दी जाती है तो हमें सफेद चावल मिलता है और यदि यही ब्रान की परत नहीं हटाई जाती तो जो चावल होता है उसे ब्राउन राइस कहते हैं। इनका रंग ब्रान की परत के कारण थोड़ा सुनहरा होता है इसलिए ब्राउन राइस नाम दिया गया है। दोनों ही चावल में काफी समनताएं हैं परन्तु कुछ मानकों पर ब्राउन राइस सेहत के लिए ज़्यादा लाभकारी माना जाता है।
प्रोटीन भरपूर लेकिन फैट जीरो
ब्राउन राइस और सफेद चावल में एक ही तरह का कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन होता है साथ ही वसा की मात्रा दोनों ही किस्म में शून्य होती है। इससे अधिक ब्राउन राइस में फाइबर, मैंगनीज, मैग्नेशियम, फास्फोरस, थाइमिन, नियासिन व सेलेनियम भी पाया जाता है। जानते हैं क्यों ब्राउन राइस के उपयोग का चलन बढ़ने लगा है।
1. प्राकृतिक तेल
ब्राउन राइस उन प्राकृतिक तैलीय गुणों से भरपूर है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं। दिल को जवान रखने के लिए ब्राउन राइस एक अच्छा विकल्प है। अपने भोजन में नियमित रूप से ब्राउन राइस के सेवन से आप अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं।
2. बढ़ते वज़न पर रोक
जी हां! चावल खा कर भी आप वज़न कम कर सकते हैं। यदि आप भी बढ़ते वज़न से परेशान हैं ओर चावल आपके प्रिय हैं तो कोई दिक्कत नहीं बस सफेद चावलों की जगह भूरे चावल यानी ब्राउन राइस को अपने नियमित भोजन का हिस्सा बना लें। जिन खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है वह आपकी पाचन क्रिया के साथ साथ वज़न काम करने में भी बड़े सहायक होते हैं। हम पहले ही बता चुके हैं कि ब्राउन राइस में फाइबर होता है जो साधारणतः सफेद चावलों में नहीं होता।
3. अत्यधिक भूख की इच्छा से छुटकारा
ब्राउन राइस के सेवन के पश्चात् आपको कुछ मीठा खाने की इच्छा से मुक्ति मिल जाती है। ब्राउन राइस के उपभोग के बाद आप लंबे समय तक भूख महसूस नहीं करते। इसलिए कुछ अनावश्यक खाने की इच्छा भी नहीं होती इस तरह आपके वज़न में वृद्धि की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
4. कैल्शियम
साधारणतः चावलों में कार्बोहाइड्रेट होता है लेकिन ब्राउन राइस में कैल्शियम की भी मात्रा पाई जाती है। इसलिए कह सकते हैं है इनके सेवन से हम हड्डियों का भी ख्याल रख सकते हैं। क्या अब भी आप ब्राउन राइस के सेवन से वंचित रहना चाहेंगे?
5. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से परिपूर्ण
पर्यावरण के कारण उत्पन्न समस्याओं से लड़ने में एंटीऑक्सीडेंट का बड़ा हाथ होता है। मूलतः हमें फल व सब्ज़ियों से एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। आपको यह भी बता दें कि ब्राउन राइस भी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से संपन्न पाया गया है। यदि फ्री रैडिकल के कारण आपके शरीर को नुक़सान पहुंचा है तो ब्राउन राइस के नियमित उपयोग से आपको लाभ मिलने की पूरी संभावना है।
6. सेलेनियम
सिलेनियम एक प्रकार का मिनरल है जो हमारे शरीर के हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। बालों, हृदय संबंधी, मधुमेह, थायरॉयड व एचआईवी जैसी समस्याओं में चमत्कारी रूप से गुणकारी व लाभदायक है। ब्राउन राइस में सेलेनियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अतः आप यदि अभी तक भी ब्राउन राइस का सेवन नहीं कर रहे थे तो अब शुरू कर दीजिए।