ब्रिस्बेन/रोबिना (ऑस्ट्रेलिया) : कोविड होने से पहले और उससे उबरने के लिए कई सर्वे आए। हर सर्वे का अलग-अलग मत रहा। किसी ने विटामिन और सप्लीमेंट लिए जाने की वकालत की तो किसी ने यह कहा कि किसी भी चीज को एक तयशुदा मात्रा में ही लेना सही होता है। यहीं वजह रही कि इसे लेकर डॉक्टरों में भी अलग अलग राय देखी गई । इसे लेकर अब एक नई रिपोर्ट सामने आई है।
आस्ट्रेलिया में इस वर्ष कोविड के मामलों में आए उछाल के कारण बहुत से लोग इस बीमारी से खुद को बचाने या अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उपायों की तलाश करते देखे गए। इसके बाद पूरक आहार की बिक्री में तेजी आई है।ऑस्ट्रेलिया में, चिकित्सीय सामान प्रशासन ने विटामिन, खनिज, अमीनो एसिड, एंजाइम, पौधों के अर्क और माइक्रोबायोम सप्लीमेंट्स को ‘पूरक आहार’ के तहत रखा है।
2020 में पूरक दवा उद्योग का वैश्विक अनुमानित मूल्य लगभग 170 अरब डॉलर था। 2021 में ऑस्ट्रेलिया में पूरक दवाओं के राजस्व का अनुमान 6.69 अरब डॉलर था - जो पिछले एक दशक में दोगुना हो गया है। नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष में 73% ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने पूरक दवाएं खरीदीं, जिनमें विटामिन का हिस्सा आधे से अधिक रहा लेकिन ये खरीदारी कोविड को रोकने या उसके इलाज में कारगर होने की कितनी संभावना है?
भय, परिहार और प्रयोगशाला अध्ययन
ऐतिहासिक रूप से, जनता ने उन स्रोतों से पूरक खरीदे हैं जो स्वास्थ्य देखभाल सलाह भी प्रदान करते हैं। लॉकडाउन, सामाजिक दूरी और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में स्वास्थ्य संदेश अब सामान्य जीवन का हिस्सा बन गए हैं। इसलिए लोग सप्लीमेंट्स के लिए ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं और विटामिन की सिफारिशों के लिए इंटरनेट, दोस्तों या सोशल मीडिया की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ लोगों के लिए, इसने कोविड (कोरोनाफोबिया) का एक अस्वस्थ भय और दैनिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
किसी भी दवा की तरह, उपभोक्ताओं को खरीद से पहले सप्लीमेंट्स के संभावित लाभों और हानियों के बारे में विश्वसनीय स्रोतों (डॉक्टरों, फार्मासिस्टों या साक्ष्य-आधारित सहकर्मी-समीक्षित लेख) से जानकारी लेनी चाहिए। मजबूत सबूत इस बात का समर्थन करते हैं कि टीकाकरण से गंभीर कोविड होने की आशंका कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने यह भी देखा है कि क्या पूरक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाकर इस वायरल संक्रमण की अवधि और गंभीरता को रोक सकते हैं या कम कर सकते हैं।
हमारे शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली (विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक और सेलेनियम) को मजबूत करने वाले आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होने पर कोविड सहित किसी भी संक्रमण के लिए संवेदनशीलता बढ़ जाती है। लेकिन इस बात के बहुत कम प्रमाण हैं कि एक स्वस्थ व्यक्ति में पूरक दवा लेने पर कोविड जैसे श्वसन संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है। प्रयोगशाला या जानवरों के अध्ययन में पूरक के प्रभाव और अच्छी तरह से डिजाइन और आयोजित नैदानिक परीक्षणों के निष्कर्षों के बीच एक साक्ष्य अंतर मौजूद है।
महामारी के संबंध में सूचनाओं का भंडार
असंख्य ऑनलाइन और शॉपफ्रंट स्रोतों से बिना प्रिस्क्रिप्शन के सप्लीमेंट्स के लिए तैयार पहुंच और दावों के अनियंत्रित प्रसार कि सप्लीमेंट्स कोविड लक्षणों को रोक सकते हैं या उनका इलाज कर सकते हैं, ने सूचनाओं का एक मायाजाल बना दिया है।इन दावों को सप्लीमेंट्स निर्माताओं द्वारा सुरक्षा या प्रभावशीलता के सीमित साक्ष्य के बावजूद अपने उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई चिकित्सीय उत्पादों के रजिस्टर पर ‘सूचीबद्ध’ करवाने में सक्षम होने से बढ़ावा मिलता है। आधिकारिक अनुमोदन की यह उपस्थिति आम गलत धारणा से मेल खाती है कि ‘‘प्राकृतिक’’ का अर्थ ‘सुरक्षित’ है।
सप्लीमेंट्स प्रतिकूल प्रभाव, दवा पारस्परिक क्रिया और खर्च के रूप में नुकसान पहुंचा सकते हैं। वे रोगी पर पड़ने वाले दवाओं के बोझ को भी बढ़ा देते हैं, अधिक प्रभावी चिकित्सा में देरी कर सकते हैं, या कमजोर लोगों को झूठी आशा दे सकते हैं।सबूत यह आश्वासन नहीं देते हैं कि विटामिन और सप्लीमेंट लेने से आप कोविड की चपेट में आने से बचेंगे या आपको संक्रमण से उबरने में मदद मिलेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)