कोरोना वायरस हर गुजरते दिन के साथ लगातार खतरनाक होता जा रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते अस्पतालों में बेड खत्म होते जा रहे हैं। महामारी से लड़ने के लिए टीकाकरण अभियान और तेज करने की जरूरत है। हर चौथा आदमी कोरोना वायरस से पॉजिटिव आ रहा है। बहुत से लोग नहीं जानते कि उन्हें कब टीका लगाना चाहिए और इसकी प्रक्रिया क्या है? अगर आप कोरोना पॉजिटिव थे इस बीमारी से उबर चुके हैं और यह सोच रहे हैं कि टीका के बारे में उलक्षण में हैं तो यहां हम आपकी समस्या का हल बताएंगे।
COVID-19 संक्रमितों में भारी उछाल देखने के बाद सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को टीकाकरण की अनुमति दी है क्योंकि वैक्सीन वायरस, मृत्यु दर और इसके प्रसार को कम कर सकता है। साथ ही, यह संक्रमितों को ठीक होने में लगने वाले समय को कम कर सकता है। हालांकि, यह जानना बहुत जरूरी है कि कोविड-19 से ठीक हुए मरीज को कब टीका लगवाना चाहिए। अध्ययनों के अनुसार, रिकवर हुए मरीज को ठीक होने के 2-8 सप्ताह बाद वैक्सीन लेना चाहिए। इसका कारण यह है कि पॉजिटिव टेस्टिंग के बाद हमारी नेचुरल इम्यूनिटी कम हो जाती है और वायरस से लड़ने के लिए नेचुरल इम्युनिटी वैक्सीन से तैयार इम्युनिटी से बेहतर होती है।
वास्तविक प्रमाणों के अनुसार, कोविड-19 वाले व्यक्ति को नेचुरल इम्यूनिटी प्राप्त होती है जो करीब 90-180 दिनों तक रहती है। इसके अलावा, संक्रमण की गंभीरता के अनुसार नेचुरल इम्युनिटी भिन्न हो सकती है। इसलिए संक्रमण के ठीक होने के 2-8 सप्ताह के बाद टीका (वैक्सीन) सबसे अच्छा रहेगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस तरह का कोई सबूत या अध्ययन नहीं है जो इस बात पर आधारित हो कि रिकवरी के तुरंत बाद वैक्सीन लिया जाए तो क्या होगा। हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार, वायरस से लड़ने के लिए किसी व्यक्ति के लिए नेचुरल इम्युनिटी होना जरूरी है क्योंकि यह मजबूत होती है और टीके से उत्पन्न इम्युनिटी से बेहतर होती है जो लंबे समय तक रह सकती है।