Lucknow Police: लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसकी जानकारी मिलने पर लखनऊ पुलिस के आला अधिकारी भी हैरान रह गए। लखनऊ पुलिस ने अपने ही विभाग में फर्जी सर्टिफिकेट के बल पर सालों से नौकरी कर रहे 10 बंदी रक्षकों को पकड़ा है। इन सभी को सोमवार को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बर्खास्त कर दिया गया। बर्खास्त किए गए सभी बंदी रक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2007 में यूपी पुलिस के अंदर भर्ती हुए थे। लखनऊ वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने 10 बंदी रक्षक बर्खास्त किए है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया कि, बर्खास्त किए गए सभी जेल कर्मियों की सेवाएं भर्ती होने के पहले ही दिन से शून्य मानी जाएगी। साथ ही इन बंदी रक्षकों के सेवाकाल के दौरान लिए गए वेतन व भत्तों की वसूली की जाएगी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि, विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद शासन के निर्देश पर लखनऊ मंडल की विभिन्न जेलों में तैनात इन जेलकर्मियों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। उन आरोपियों से रिकवरी का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया कि, फर्जी कागजात के सहारे भर्ती होने वाले बंदी रक्षकों पर कार्रवाई करने के साथ ही इस भर्ती में जो-जो अधिकारी शामिल थे, उन पर भी जल्दी ही कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जांच-पड़ताल की कार्रवाई की जा रही है। विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, साल 2007 में 18 जेलकर्मियों ने खेलकूद व होमगार्ड समेत अन्य फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। इनमें से 8 पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। इनकी भर्ती केंद्रीय कारागार आगरा के तत्कालीन वरिष्ठ जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ की अगुवाई में गठित कमेटी ने की थी। इस भर्ती पर जब सवाल उठने लगे तो फर्जीवाड़े के आरोप लगने लगे तो विभाग ने विजिलेंस से इसकी जांच कराई। जांच के बाद विजिलेंस टीम ने शासन को अपनी जांच रिपोर्ट भेजकर इन सभी लोगों पर कार्रवाई की सिफारिश की गयी थी।
Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।