Indian Railway: 200 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, हाईस्पीड ट्रेनों की बॉडी डिजाइन तैयार

High Speed Train: देश में 200 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने वाली ट्रेनों की बॉडी तैयार होनी शुरू हो गई है। आरडीएसओ ने सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की लाइटवेट बॉडी का डिजाइन तैयार किया है। आरडीएसओ के महानिदेशक ने यह जानकारी दी।

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अब 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • अब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें
  • सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की लाइटवेट बॉडी का डिजाइन तैयार
  • आरडीएसओ की डिजाइन पर आधारित 100 ट्रेन के सेट किए जाएंगे तैयार

Indian Railway: देश में अब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेंगी। रेलवे अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने इसकी तैयारी कर ली है। आरडीएसओ ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन के लिए तकनीक विकसित की है। आने वाले दिनों में राजधानी लखनऊ से दिल्ली ढाई से तीन घंटे में पहुंच जाएंगे। दो सौ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को दौड़ाने का पहला चरण अनुसंधान, अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने पूरा कर लिया है। इन सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की लाइटवेट एल्युमिनियम बॉडी का डिजाइन बना लिया गया है। इसके बाद ट्रेन सेट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सौ ट्रेन सेट बनाए जाएंगे। 

आरडीएसओ के महानिदेशक संजीव भुटानी ने बताया कि, वंदे भारत एक्सप्रेस के बाद अब ऐसी सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को दौड़ाने की तैयारी तेजी से चल रही है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत रेलवे इनोवेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई व स्टार्टअप्स को 13 जून को रेलमंत्री ने लॉन्च किया था। 

बुनियादी ढांचे के निर्माण में सुधार लाने का है उद्देश्य

इसका उद्देश्य स्टार्टअप की भागीदारी और उसके जरिये संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांचे के निर्माण में सुधार लाना है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में विभिन्न रेल मंडलों, क्षेत्रीय जोनों से आने वाली समस्याओं को सुधारने पर काम होगा। मसलन, रेलवे ट्रैक के टूटने, लाइन में तनाव के प्रबंधन के सिस्टम और उपनगरीय सेक्शन के लिए हेडवे में सुधार सहित 11 समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। स्टार्टअप करने वालों को अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। महानिदेशक संजीव भुटानी ने यह भी बताया कि, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते चार मार्च को आरडीएसओ की जिस स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच का निरीक्षण किया था, उसे दो साल के अंदर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेलखंड पर लगाया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली से सोनीपत के बीच डीएमयू को हाइड्रोजन ईंधन से चलाने का डिजाइन भी बनाया गया है, जिसका ट्रायल होना है। इसके लिए उत्तर रेलवे ने टेंडर भी जारी किया है।

राजधानी की तरह दौड़ेंगी मालगाड़ी

महानिदेशक ने बताया कि, खाली मालगाड़ियों को राजधानी ट्रेनों की तरह 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया जाएगा। इसके लिए डिजाइन व स्पेसिफिकेशन पर काम किया जा रहा है। रेलवे अस्सी हजार वैगन के साथ नौ हजार हार्सपावर वाले 1200 लोकोमोटिव इंजन दाहोद और 12 हजार हार्सपावर वाले 800 लोकोमोटिव बनारस लोकोमोटिव वर्कशॉप में बनाने की तैयारी कर रहा है। पहले चरण में आरडीएसओ की डिजाइन पर आधारित 100 ट्रेन के सेट तैयार होंगे।
 

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