लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मध्य अप्रैल से लेकर मई का पहला हफ्ता। हर कोई कोरोना से डरा था। हर प्लेटफार्म पर सिर्फ कोरोना से जुड़ी खबरें ही सुर्खियां बनती थीं। उसी दौरान एक दिन के संक्रमण, सक्रिय रोगियों की संख्या और एक दिन में सर्वाधिक मौतों का भी रिकॉर्ड बना, पर यूपी सरकार ने पहले चरण की तुलना में 30 से 50 फीसद संक्रामक दूसरे दौर का डटकर मुकाबला किया।
आज दो महीने से कम समय में कोरोना के हर फ्रंट से अच्छी खबरें हैं। इन्ही वजहों से अब लोगों में कोरोना को लेकर भय नहीं है। अलबत्ता लोग सतर्क जरूर है। सरकार की मंशा भी यही है। वह लगातार संदेश दे रही है कि कोरोना को लेकर डरें नहीं, सतर्क जरूर रहें। बाकी अपनी पूरी ताकत और संसाधनों के साथ इस जंग में आपके साथ है। इस मुकम्मल यकीन के साथ कि सबके सहयोग से हम इस जंग को जीत लेंगे और वह भी बहुत जल्दी।
इसी तरह सक्रिय केसेज की संख्या सिमटकर 46,201 पर आ गई। 30 अप्रैल को यह 31,0783 के रिकॉर्ड स्तर पर थी। रिकवरी रेट लगातार सुधरते हुए 96.10 फीसद पर पहुंच गई। यह कई राज्यों और देश के रिकवरी दर से बेहतर है। पॉजिटिविटी रेट भी लगातार सुधरते हुए .8 फीसद पर आ गई। रही मौतों की बात तो 4 मई को एक दिन में सर्वाधिक 372 मौतें हुई थी, उसके बाद से अपवाद के कुछ दिनों को छोड़ दें तो यह संख्या लगातार घटी है। 28 मई को यह घटकर 159 पर आ गई। 20 मई के बाद से यह लगातार 200 के नीचे बनी हुई है।
यूपी में कोरोना से लड़ाई के लिए मुख्यमंत्री योगी खुद जमीन पर उतरे। उन्होंने टीम 11 की जगह टीम 9 के नाम से नई टीम बनाई। जिम्मेदारियों को विकेंद्रित करते हुए टीम के लोगों को जवाबदेह बनाया। प्रभारी मंत्रियों को उनके प्रभार वाले जिलों में भेजा। ऑक्सीजन मंगाने से लेकर इसकी आपूर्ति की व्यवस्था को मजबूत किया। खुद के सेहत की चिंता किए बगैर इन सारी व्यस्थाओ का भौतिक सत्यापन करने खुद एक कप्तान की तरह पिछले कई दिनों से ग्राउंड जीरो पर हैं।
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