लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का स्वागत किया है। सीएम योगी ने शुक्रवार को कहा कि वह तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसला का स्वागत करते हैं। इसके लिए वह प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में लोगों का यह भी मानना है कि किसानों की आय दोगुनी करने में ये कानून बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। किसानों ने जब इन कृषि कानूनों का विरोध किया तो सरकार ने उनसे सभी स्तरों पर बातचीत करने का प्रयास किया।
शुक्रवार सुबह देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पूरी की जाएगी। गुरु नानक देव की जयंती प्रकाश पर्व के मौके पर पीएम ने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए उनकी सरकारपूरी सत्यनिष्ठा एवं नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।
उन्होंने कहा, 'कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था सरकार उन्हें बदलन के लिए भी तैयार हो गई। मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए सच्चे मन से यह कहना चाहूंगा कि शायद हमारी तपस्या में कमी रही होगी कि हम किसान भाइयों को समझा नहीं पाए। आज प्रकाश पर्व है, यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं यह बताने आया हूं कि हमने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है।'
पीएम की इस घोषणा के बाद राजनीतिक एवं किसान संगठनों से प्रतिक्रियाएं आईं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाताओं ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया है। उन्होंने कहा, ‘देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सिर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!’ राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ महीने पहले पंजाब में निकाली गई अपनी एक यात्रा के दौरान दिए गए अपने उस बयान एक वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्र सरकार एक दिन ये कानून वापस लेने को मजबूर होगी।
वहीं तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रतिक्रिया दी है। एसकेएम ने कानूनों के वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मोर्चा इन कानूनों को रद्द करने के लिए संसद की प्रक्रिया का इंतजार करेगा। मोर्चा ने कहा है कि यदि ऐसा होता है तो किसानों के एक साल के आंदोलन की जीत होगी।
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