लखनऊ। देश के अलग अलग शहरों में वायु की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एनजीटी ने पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी है। लेकिन कुछ शहरों में पिछले साल के नवंबर के आंकड़े और इस साल के आंकड़ों के आधार पर सीमित घंटों के लिए जलाए जा सकते हैं। एनजीटी के फैसले के आधार पर यूपी सरकार ने राज्य के कुछ शहरों में 9 नवंबर 2020 से 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और जलाने पर रोक लगा दी है।
यूपी के इन शहरों में पटाखों की बिक्री पर पाबंदी
यूपी सरकार ने एनसीआर के साथ साथ मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, हापुण, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत और बुलंदशहर में रोक लगा दी है और 1 दिसंबर के बाद हालात की समीक्षा जाएगी। सरकार के आदेश में स्पष्ट है कि वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी सरकार की है। सरकार उस दिशा में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी पालन कर रही है। ऐसे शहरों में ग्रीन क्रैकर्स दो घंटे तक जलाने की आजादी है। यूपी सरकार का मानना है कि इस दिशा में जनभागीदारी है और लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि पटाखे कम से कम जलाए जाएं।
वायु की गुणवत्ता के मद्देनजर फैसला
नवंबर की शुरुआत में ही वायु की गुणवत्ता खराब हो गई थी। दिल्ली और एनसीआर के शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में इजाफा हुआ था जिसका असर लोगों पर साफ तौर पर महसूस किया जा रहा था। पटाखों के संबंध में दिल्ली सरकार ने पहले ही बैन का फैसला कर लिया था। लेकिन हरियाणा और यूपी सरकार फैसले को लेकर स्पष्ट नहीं थी।
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