कोरोना से टूटे परिवारों का कंधा बने ये 5 नौजवान, कर रहे हैं कई तरह से मदद

कोरोना काल की इस आपदा में न अपने साथ हैं न पराए। बीमारी होने पर तो लोग दूर भाग ही रहे हैं। मरने के बाद शव भी इस इंतजार में उसे अन्तिम पड़ाव तक कौन पहुंचाएगा।

Five youngsters became shoulder of broken families from Corona, helping in many ways
कोरोना पीड़ित परिवारों के मददगार 

लखनऊ : कोरोना काल की इस आपदा में न अपने साथ हैं न पराए। बीमारी होने पर तो लोग दूर भाग ही रहे हैं। मरने के बाद शव भी इस इंतजार में उसे अन्तिम पड़ाव तक कौन पहुंचाएगा। शुक्र है लखनऊ के इन पांच नौजवानों का जिन्होंने इस जिम्मेदारी को अपने कंधे पर उठाया है। यह 5 युवक न केवल कोरोना संक्रमित शव को कंधा देकर श्मशान भूमि तक ले जा रहे बल्कि अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं। इनमें गरीब लोगों का खर्च यह लोग अपनी जेब से आपस में मिल बांटकर कर रहे हैं।

राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम के रहने वाले अभिषेक गुप्ता, करूणेष पाठक, हिमांशु शुक्ला, अनिल मिश्रा, विनीत दीक्षित ने फेसबुक पर नंबर जारी किए हैं। यह नौजवानों की टोली किसी भी व्यक्ति की कोरोनाकाल में हुई मौत जिसे कोई कंधा देने को तैयार नहीं होता है वह इसके लिए आगे आए हैं। यह लोग सोशल मीडिया के माध्यम से अपील भी कर रहे हैं। इन लोगों ने फेसबुक में अपने नंबर भी जारी किए हैं।

समाजसेवी अभिषेक गुप्ता ने बताया कि जौनपुर में एक महिला के निधन होने पर उनके पति को साइकिल पर शव ले जाते देखकर मन में बहुत ग्लानि महसूस हुई इसके बाद हमने ठानी कुछ भी निराश्रितों को सहारा बनेंगे। जिनका शव कोई ले जाने वाला नहीं होगा तो हम लोग कंधा भी बनेंगे। फिर एक पांच लोगों की टीम का गठन किया। जिसमें एक दो लोग सरकारी नौकरी में भी है। इसके बाद इस मिषन को लेकर निकल पड़े हैं। अब तक करीब एक दर्जन से ज्यादा लोगों को कंधा दे चुके हैं। कई लोगों का अंतिम संस्कार भी अपनी जेब से कराया गया है।

टीम से जुड़े अनिल मिश्रा ने बताया कि इस मुहिम को चलाने के लिए पांच लोगों ने शुरू किया था, लेकिन अब टीम में कई लोग जुड़ रहे हैं, जिसमें कोई सामग्री तो कोई पैसा की व्यवस्था करने को तैयार है। यदि किसी भी व्यक्ति को टीम की जरूरत है तो वह सीधे फोन कर सकता है। पहले हम लोगों ने इसे राजाजीपुरम तक ही केन्द्रित रखा था। लेकिन बाद दूर-दराज से भी फोन आने लगे तब तक इस मुहिम में और भी कई लोग जुड़ चुके हैं। हमारी टीम मात्र आधे घंटे या फिर 15 मिनट के अंदर मृतक व्यक्ति के घर पर पहुंचने की कोशिश करती है।

राजाजीपुरम ई ब्लॉक में कोरोना संक्रमित 84 वर्षीय महेश चंद्र अग्रवाल का निधन हो गया। वह होम आइसोलेशन में थे और बेटा भी संक्रमित है। घर में उनको कंधा देने वाला कोई नहीं था। बुजुर्ग की बेटी ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी। हम लोगों की पूरी टीम पहुंची। पीपीई कीट से लैस नौजवानों ने इनका अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर करवाया।

इसी प्रकार ठाकुरगंज निवासी 76 वर्षीय बुजुर्ग प्रमोद कुमार जौहरी का निधन की सूचना टेलीफोन के माध्यम से पता चली। जौहरी के छोटे भाई की मृत्यु हो गयी थी। इनकी दो बेटियां थी। जो संस्कार नहीं कर सकता था। ऐसे में हमारी टोली पहुंची और अंतिम संस्कार संपन्न करवाया है। सुषमा भी कबीर पंथी जिनकी मृत्यु हो गयी थी। जिनके परिवार में कोई नहीं था। सूचना मिलने पर हमारी टीम पहुंची और इनका अंतिम संस्कार करवाया है।
 

Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।

अगली खबर