Lucknow Development Authority: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। लखनऊ के आईआईएम रोड से किसान पथ तक ग्रीन कॉरिडोर पर चार नए फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। संरक्षित स्मारकों की वजह से नए फ्लाईओवर बनाने पड़ रहे हैं, जिनकी लंबाई 400 मीटर से दो किलोमीटर तक होगी। प्राधिकरण उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक इनके निर्माण की मंजूरी मिल गई है। ग्रीन कॉरिडोर के करीब 22 किलोमीटर लंबे रोड के दायरे में सात संरक्षित स्मारक आ रहे हैं। इस कारण इनके नजदीक से सड़क बनाने की मंजूरी नहीं मिल पाई है।
इस कारण अब गोमती नदी के एक किनारे पर एक तरफ की सड़क के साथ चार फ्लाईओवर भी बनाए जाएंगे। यह फ्लाईओवर नदी की दाएं लेन को जोड़ेगा। संरक्षित स्मारकों की वजह से डीपीआर बना रही कंपनी को काफी बदलाव करने पड़े हैं।
संशोधित डीपीआर का एलडीए में प्रजेंटेशन किया गया है, जिसके बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष की अगुवाई में हुई बैठक में नए फ्लाईओवर को मंजूरी दे दी गई है। संरक्षित स्मारक डालीगंज पुल से लेकर गोमती बैराज के बीच आ रहे हैं। यह स्मारक प्रस्तावित ग्रीन कॉरिडोर से 100 मीटर के दायरे में आ रहे हैं। हालांकि इनका कोई हिस्सा प्रभावित नहीं है। फिर भी प्रतिबंधित दायरे में आने से एलडीए को एलाइनमेंट बदलना पड़ा है।
आपको बता दें कि, डालीगंज ब्रिज के डाउन स्ट्रीम में दाएं बंधे के 7.350 किमी से एलिवेटेड ब्रिज बनेगा। इसे बाएं बंधे के 7.7 किमी तक मिलाया जाएगा। इसके अलावा बाएं बंधे की तरफ 6.7 किलोमीटर से चार लेन का एलिवेटेड रोड बनेगा। कुकरैल नाले से बाएं बंधे की ओर 12.40 मीटर से नया ब्रिज बनेगा, जो दाएं बंधे पर 12.5 किमी में गिरेगा। भैंसाकुंड से पहले चार लेन ब्रिज, जो दाएं बंधे पर बैराज किनारे से अंबेडकर पार्क होते पिपराघाट तक जाएगा।
फ्लाईओवर बनाने से परियोजना की लागत भी बढ़ जाएगी। पहले बंधे पर रोड बननी थी। मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह ने बताया कि, लागत बढ़ने की आशंका है। टीसीई को डिटेल सर्वे कर देने के लिए कहा गया है।
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