यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम फहराया है। कुल 75 जिला पंचायतों में बीजेपी और उसके सहयोगियों को 67 सीटों पर जीत हासिल हुई है। बीजेपी के खाते में 65 सीटें और सहयोगी दलों को 2 सीट मिली है। अगर बात मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की करें तो उसे 6 सीटों से संतोष करना पड़ा है। विधानसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनावों में जीत पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक! भाजपा+ ने उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव में 75 में से 67 सीटों पर विजय प्राप्त की है। इस अभूतपूर्व परिणाम के लिए मैं प्रदेश की जनता एवं भाजपा के परिश्रमी कार्यकर्ताओं का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं।
जिला पंचायत चुनाव की खास बात
अब विपक्ष के सामने क्या विकल्प है
अब सवाल यह है कि क्या विपक्ष इसे अपनी हार बताएगा या स्थानीय चुनाव का जिक्र कर पल्ला झाड़ लेगा। लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता करीब करीब अपने बयानों में इस बात का जिक्र किया करते थे कि जिला पंचायत चुनाव एक तरह से योगी सरकार के लिए रिफ्रेंडम की तरह है। बीजेपी के पक्ष में जब 16 जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन निर्विरोध हुआ तो समाजवादी पार्टी ने सीधे सीधे कहा कि प्रशासनिक मशीनरी के सहयोग से बीजेपी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रही है और इसके साथ ही अपने 11 जिलाध्यक्षों की छुट्टी कर दी थी।
क्या कहते हैं जानकार
समाजवादी पार्टी के साथ साथ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी उम्मीदवारों का निर्वाचन हो रहा है वैसा तो कभी नहीं हुआ। यह तो एक तरह से लूट है। लेकिन इस विषय पर जानकार क्या कहते हैं। जानकारों के मुताबिक जिला पंचायत चुनावों का मुद्दा विपक्ष ने ही बनाया था। लिहाजा इस चुनाव से बड़ा टेस्ट तो उनका ही होना था। अगर विपक्ष को कायदे की सीटें मिल जातीं तो उसके नेता साफ तौर पर कहते कि बड़े चुनाव से पहले ही जनता ने योगी सरकार को नकार दिया है। लेकिन इन नतीजों से यह संकेत मिलता है कि बीजेपी अब और अधिक ऊर्जा के साथ अपने चुनावी कारवां को आगे बढ़ाएगी।
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