नई दिल्ली। 29 सितंबर की आधी रात को जब हाथरस पीड़िता के शव को जलाया गया तो यूपी सरकार को अंदेशा नहीं रहा होगा अगली सुबह भारी पड़ने वाली है। कुछ कैमरों में वो जलती हुई चिता कैद हुई और पीड़ित परिवार ने आरोप लगा दिया कि बेटी का मुंह देखने का मौका नहीं मिला। बेशक इसमें किसकी गलती थी, फैसला स्थानीय स्तर पर था या ऊपर से था, इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है। इन सबके बीच यूपी डीजीपी एच सी अवस्थी और एसीएस अवनीश अवस्थी हाथरस में पीड़िता के परिवार से मिले। एसीएस साहब पीड़ित परिवार से हाथ जोड़कर कहते आए कि जो कुछ हुआ वो वापस नहीं आ सकता है। लेकिन सरकार पूरी तरह साथ है। हालांकि सवाल यही है कि पीड़िता के शव को किससे इशारे पर जलाया गया।
शव जलाने का फैसला स्थानीय स्तर का था
इस संबंध में डीजीपी एच सी अवस्थी का कहना है कि वो फैसला स्थानीय स्तर पर लिया गया था और उस विषय में वो किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, ऐसे में साफ होता है कि हाथरस जिला प्रशासन पूरी तरह संवेदनहीन था जिसने शासन को भी अंधेरे में रखा। उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिवार से उनकी मुलाकात हुई और वो उनके दुख में साझीदार हुए। इस मामले में पारदर्शी जांच चल रही है और वो भरोसा दिलाते है कि जांच से पीड़ित पक्ष जरूर संतुष्ट होगा।
निष्पक्ष जांच कराई जा रही है
एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने कहा कि वो पीड़ित परिवार से मिले और भरोसा दिया कि परिवार को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जिस दुखद पल के दौर से परिवार गुजर रहा है उसकी व्यथा को समझते हैं, जो बात बीत गई उसे वापस तो लाया नहीं जा सकता है लेकिन परिवार जिस मुश्किल का सामना कर रहा है उसे कम करने के लिए शासन अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एसआईटी इस मुद्दे पर जांच कर रही है और परिवार की सभी आपत्तियों पर ध्यान भी दिया जाएगा।
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