Lucknow News: आपकी थाली का स्वाद एक बार फिर बिगड़ने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडियों में बिकने वाली फल व सब्जियों पर लगने वाले यूजर चार्ज का दायरा बढ़ाया है। कहने को तो ये किसानों की उपज पर लगेगा। मगर इसका सीधा असर आम आदमी की रसोई पर पड़ेगा। पहले 46 तरह के फल व सब्जियां यूजर्स चार्ज की जद में थे।
अब कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद इस सूची में 45 प्रकार के फल व सब्जियां और शामिल कर दिए गए हैं। हालांकि सरकार के इस फैसले पर मंडियों में कारोबार करने वाले आढतियों व कारोबारियों ने अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। कारोबारियों का यह तर्क है कि खेतों में सब्जियां उगाने वाले धरतीपुत्र पहले से की घाटे में हैं, ऐसे में सरकार का यह फैसला उन पर भारी पड़ने वाला है।
यूजर चार्ज की अगर बात करें तो वर्ष 2020 में सरकार ने मंडियों में लगने वाले यूजर चार्ज को हटा दिया था। योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में कृषि मंत्री ने इसे किसानों के हित वाला निर्णय बताया था। मगर वर्ष 2021 में 45 जिंसों पर फिर से मंडी में हो नुकसान का हवाला देते हुए यूजर चार्ज लगा दिया गया। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया था कि मंडियों में अधिकारियों व कार्मिकों को वेतन दे पाना मुश्किल हो रहा है। इसके बाद गत वर्ष सितबंर माह में एक प्रतिशत यूजर चार्ज लागू कर दिया गया।
यूपी सरकार की ओर से कैबिनेट की बैठक के बाद कई फलों व सब्जियों पर एक प्रतिशत यूजर चार्ज लगेगा। जिनमें मुख्य तौर पर कुत्थी, करौंदा, खजूर, खिरनी, जामुन, पान, चुकंदर, रतालू,, सोया, ग्वार, इमली, बंडा, कुंभी, मशरूम, मंडवा, काकून, कोदो, कुटकी, सामा, खेसारी, मोठ, राजमा, स्ट्रॉबेरी, फालसा, पाइनेपल, आलू बुखारा, अंजीर कमरख, शरीफा, शहतूत, रसभरी, चेरी सहित बेल बिनौला हैं। इसी प्रकार सभी प्रकार के खाने के तेल, नारियल, सोंठ व काली मिर्च हैं।
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