Lucknow: घरों में पेट डॉग रखने के शौकीन लोगों को ये खबर हैरत में डालने वाली हो सकती है। खासकर उनके लिए जो कई खतरनाक प्रजातियों के डॉग्स अपने घरों में रखते हैं। दरअसल लखनऊ नगर विकास विभाग ने सरकार को डॉग्स की कई प्रजातियों को बैन करने की मांग को लेकर पत्र भेजा है। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव राजेन्द्र पनेशिया की मौजूदगी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसके पीछे महकमे के अधिकारियों का तर्क है कि, पिछले दिनों राजधानी के कई इलाकों में डॉग्स अटैक से मौत व हादसे हुए हैं।
इस मौके पर अधिकारियों ने कहा कि सभी मामलों में डॉग्स की खतरनाक प्रजातियां दोषी पाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि, राजधानी में पिटबुल, रॉटविलर व मैस्टिम पर बैन लगाने की मांग की गई है। बैठक के दौरान शहर में लोगों के घरों में पाले गए डेंजर ब्रीड्स के डॉग्स की लिस्ट में बताया गया कि, 27 लोगों के घरों में पिटबुल प्रजाति के डॉग मौजूद हैं। वहीं 178 घरों में रोटविलर है। बैठक में अधिकारियों ने चर्चा करते हुए बताया दुनिया में फ्रांस, बेल्जियम व न्यूजीलैंड में पिटबुल पालने पर प्रतिबंध है। विशेष सचिव ने बताया कि, सरकार की मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां पर खतरनाक प्रजाति के डॉग्स पालना वर्जित होगा।
आपको बता दें कि, गत दिनों शहर में पिटबुल ने हमला कर अपनी 80 वर्षीय मालकिन को मार डाला था। वहीं गोमती नगर एक्सटेंशन में स्थित एक बिल्डिंग में रोटविलर ने एक 10 वर्षीय मासूम पर अटैक कर उसे बुरी तरह जख्मी कर दिया था। इस मामले को लेकर विशेषज्ञ बताते हैं कि, पिटबुल दुनिया की बेहद खतरनाक डॉग्स की प्रजातियों में शुमार है। यह कुत्ता काफी हिंसक होता है। वहीं रोटविलर भी किसी से कम नहीं है। जर्मनी में मिलने वाले इस डॉग की खासियत ये होती है कि, इसमें बेशुमार ताकत होती है। इनके जबड़े टाइगर के जैस बहुत मजबूत होते हैं। दूसरे डॉग्स व अनजान लोगों को देखकर ये वाइल्ड हो जाते हैं।
विकास निगम के अधिकारियों ने बताया कि, वर्तमान में राजधानी के 5 हजार घरों में पेट डॉग्स मौजूद हैं। जिनमें डॉबरमैन, पिंसचर, बॉक्सर, साइबेरियन हस्की, रोटविलर व पिटबुल आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा अन्य प्रजातियों के डॉग्स भी लोगों के पास हैं। निगम ने अब इन पर पंजीकरण चार्ज भी लगा दिया है। जिसके चलते ये आंकड़े दफ्तर दाखिल हुए हैं। हालांकि शहर में हुई कई घटनाओं के बाद घरों में इन लाडलों से लोगों का मन खिन्न हो गया है। कई पेट डॉग्स कारोबारी बताते हैं कि, लोग अब इन जिगर के टुकड़ों को दूसरों को देना चाह रहे हैं।
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