लखनऊ : लखनऊ पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) का विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से कंबल और खाने के आइटम्स छीन लिए हैं। इसके कारण लखनऊ पुलिस को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि सोशल मीडिया पर 'लखनऊ पुलिस चोर है' हैशटैग ट्रेंड करने लगा है। अब पुलिस ने इस पर अपनी सफाई दी है।
इस पर सफाई देते हुए पुलिस ने कहा है कि इस तरह के अफवाहें ना फैलाएं। पुलिस ने एक प्रक्रिया के तहत प्रदर्शनकारियों के कंबल जब्त किए हैं। बता दें कि शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के घंटाघर के सामने महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद आज रविवार को तीसरे दिन भी जारी है।
खुले आसमान के नीचे महिलाओं बच्चे सभी प्रदर्शन में शामिल हैं। महिलाओं का आरोप है कि कड़कड़ाती ठंड में पुलिस ने उनसे उनके कंबल छीन लिए। इस पर पुलिस ने अपनी सफाई में कहा है कि जब कुछ सामाजिक संगठन इन महिलाओं को कंबल दे रहे थे तभी बड़ी संख्या में अन्य लोग जो इस धरने में शामिल नहीं थे, वे भी कंबल लेने के लिए वहां पहुंच गए।
भीड़ और अफरातफरी को रोकने के लिए उन्होंने वहां से कंबल हटवाए हैं जो कि प्रक्रिया के तहत किए गए हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों से कंबल व फूड पैकेट छीनते हुए दिखाया जा रहा था।
बहरहाल, प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है तब तक वह अपना धरना समाप्त नहीं करेंगी। महिलाओं के धरने को सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है।शनिवार रात सिख समुदाय के कुछ लोगों ने धरना स्थल पर पहुंचकर महिलाओं को खाने पीने का सामान दिया।
उन्होंने कहा कि सीएए के दायरे से जिस तरह से मुसलमानों को बाहर रखा गया वह देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है, लिहाजा वह इन महिलाओं का समर्थन करते हैं। हालात के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।महिलाओं ने शनिवार रात पुलिसकर्मियों को गुलाब के फूल भेंट कर अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया।
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