Namaz : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि सत्ता में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आने के बाद ईद के मौके पर लोगों ने सड़क पर नमाज पढ़ना बंद कर दिया है। राज्य में कानून-व्यवस्था का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रामनवमी के मौके पर कहीं पर भी कोई सांप्रदायिक घटना सामने नहीं आई।
धूमधाम से मनाई गई रामनवमी
सीएम योगी ने कहा, 'उत्तर प्रदेश में राम नवमी धूमधाम से मनाई गई। इस मौके पर राज्य में किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हुआ है जब ईद एवं अलविदा जुमे की नमाज सड़क पर नहीं पढ़ी गई।' गत पांच वर्षों में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है।
यूपी में अब दंगे नहीं होते-सीएम योगी
उन्होंने कहा, 'पहले मुजफ्फरनगर, मेरठ, मुरादाबाद और अन्य जगहों पर दंगे हुए करते थे। कई-कई महीने तक कर्फ्यू लगा रहता था लेकिन पिछले पांच वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ है। हमारी सरकार ने राज्य में अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया। गायों को सुरक्षित एवं सेहतमंद रखने के लिए हमने गोशाला बनवाया। हमने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर भी उतार दिए। यही नहीं, हमारी सरकार ने 700 से ज्यादा धार्मिक स्थानों का पुनरोद्धार कराया है।'
जयपुर की सड़कों पर नमाज का मुद्दा गरमाया, बीजेपी बोली- यही तो तुष्टीकरण है
जयपुर में सड़क पर पढ़ी गई ईद की नमाज
इस बार ईद के मौके पर यूपी और राजस्थान की नमाज चर्चा की विषय रही। यूपी के इतिहास में यह पहला मौका था जब जुमे की नमाज सड़कों पर नहीं बल्कि ईदगाह और मस्जिदों में अदा की गई। यूपी के सीएम ने साफ कर दिया था कि आस्था के नाम पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। लेकिन उसके ठीक उलट राजस्थान की राजधानी जयपुर के कई इलाकों में ना सिर्फ नमाज सड़कों पर अदा की गई बल्कि उसके लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया गया। सड़क पर नमाज को लेकर सियासत भी खूब देखने को मिली।
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