यूपी में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा फैसला

योगी आदित्यनाथ सरकार ने नए मदरसों के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा।

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'यूपी में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं' 
मुख्य बातें
  • नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा
  • अखिलेश सरकार की नीति भी समाप्त
  • कुल 146 नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था

यूपी में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा।  योगी आदित्यनाथ कैबिनेट में इस पर मुहर लगा दी है। बता दें कि इस समय 550 से अधिक मदरसों को अनुदान मिल रहा है। इस फैसले की खास बात यह है कि इसे अदालत में चुनौती भी नहीं दी जा सकेगी क्योंकि योगी सरकार ने अखिलेश सरकार की नीति को समाप्त कर दिया है। समाजवादी पार्टी सरकार के वक्त 146 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करने का फैसला हुआ था। 100 मदरसों को सूची में शामिल भी किया गया। लेकिन बाकी बचे 46 मदरसों में से कुछ ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इस समय यूपी में 560 मदरसों को अनुदान मिल रहा है। इसके तहत शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मचारियों का वेतन और भत्ता शामिल है।

यूपी में अनुदान प्राप्त मदरसों की संख्या करीब 560
यूपी में मदरसों में अप्रैल के महीने में राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य किया गया था। अनुदान प्राप्त या गैर अनुदानित मदरसों में शिक्षकों और छात्रों के लिए इसे अनिवार्य किया गया था इस समय प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 16 हजार से अधिक है,जिसमें 560 को अनुदान मिलता है। 146 नए मदरसों को अनुदान सूची में शामिल किया गया था। जिसे लेकर कुछ मदरसों ने आपत्ति भी जताई थी।  


क्या कहते हैं जानकार

सवाल यह है कि इसके राजनीतिक मायने क्या हैं। जानकारों का कहना है कि इस फैसले के जरिए योगी सरकार पर आरोप लगेगा कि वो सबका साथ सबका विकास का बात तो जरूर करती है लेकिन जमीन पर फैसले उसके एकदम उलट नजर आते हैं। लेकिन इस केस में अगर देखें तो जिन 146 मदरसों को अनुदान मिलना था उनमें से ही एक मदरसा संचालक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 

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