Robotic Boat In Lucknow: लखनऊ में गोमती नदी को स्वच्छ बनाने का काम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस रोबोटिक बोट करेगी। सौर ऊर्जा से लैस रोबोटिक बोट का गोमती के लक्ष्मणमेला घाट इलाके में ट्रायल शुरू कर दिया गया है। गोमती बैराज से हनुमान सेतु के करीब पांच किमी के दायरे में इसका कैमरा कूड़ा, प्लास्टिक एवं जलकुंभी दिखने पर उसे स्कैन करके सेंसर को अलर्ट कर देगी। इसके बाद नाव वहां जाकर कूड़े को अपने बैग में डाल लेगी। मानवरहित नाव तलहटी तक की गंदगी साफ कर एक बार में करीब दो क्विंटल कचरा बटोर कर खुद किनारे आ जाएगी।
बुधवार को मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने हनुमान सेतु के पास रोबोटिक बोट का ट्रायल देखा। निजी संस्था इनोवेशन पॉलिसी एंड सोशल (सीआईपीएससी) नगर निमग के सहयोग से इसका संचालन करेगी।
रिमोट कंट्रोल से चलने वाली यह बोट गारबेज बैग भरने के बाद चिन्हित स्थानों पर कूड़ा निकाल देगी। इसके बाद नगर निगम इस कूड़े को वहां से हटाएगा। सेंसर 200 किलो की क्षमता का बैग भरने का भी अलर्ट देगा। जिससे बोट डिस्चार्ज प्वाइंट पर जाकर इसे खाली कर सके। ऑटो मोड पर बोट खुद कूड़ेदान खाली कर नदी में लौट आएगी। यह पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित है, इसलिए कार्बन उत्सर्जन शून्य है।
आपको बता दें कि रोबोटिक बोट के गार्बेज बैग (कचरे का बैग) की क्षमता को 1000 किलो तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें एक एचडी कैमरा लगा है, जो पानी की सतह पर जलकुंभी, प्लास्टिक आदि कचरा पहचान कर इकट्ठा करेगा। कन्वेयर बेल्ट कूड़े को पीछे टोकरी में भर देता है। सीआईपीएससी की निदेशक करिश्मा सभरवाल के अनुसार, सौर ऊर्जा से चलने वाली यह बोट बड़े-छोटे दोनों तरह का कचरा निकालेगी। इससे ऊपरी सतह साफ रहने से पानी को जरूरी ऑक्सीजन और धूप भी मिलेगी, जो गोमती को स्वच्छ रखने में मददगार होगी।
करिश्मा सब्बरवाल ने बताया कि एक महीने के परीक्षण के साथ यह नगर निगम को दी जाएगी। रोबोटिक ट्रैश नाव में लगी छोटी जाली छोटे कचरे को बाहर करने में सक्षम है। यह पॉलिथीन, फूल तक निकालेगी। यह बोट स्वदेशी है। जीपीएस होने से इसकी निगरानी भी आसान है। ट्रायल के समय पर्यावरण विभाग के सचिव आशीष तिवारी, अपर नगर आयुक्त पंकज सिंह भी थे।
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