यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अभी 6 महीने से ज्यादा का वक्त है। लेकिन उससे पहले राजनीतिक दल सियासी पिच पर बैटिंग करने के लिए उतर चुके हैं। जहां एक तरफ बीजेपी के अंदर सबकुछ ठीक और सबकुछ ठीक नहीं होने की बात है तो बीएसपी में भी सब ठीक नहीं है। बीएसपी के 9 बागी विधायकों ने मंगलवार को एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की और ऐसा माना जा रहा है कि वो समाजवादी पार्टी के हिस्सा बन सकते हैं। यहां बता दें कि बीएसपी ने अपने दो कद्दावर चेहरों राम अचल राजभर और लालजी वर्मा को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। लेकिन बीएसपी के बागी दलबदल कानून के दायरे में आने से बचने के लिए उचित मौके की तलाश कर रहे हैं। इन सबके बीच मायावती ने क्या कुछ कहा उसे जानना जरूरी है।
मायावती के खास बयान
क्या कहते हैं जानकार
अब सवाल यह है कि अगर बीएसपी के विधायक समाजवादी पार्टी के हिस्सा बनते हैं तो उसकी वजह से मायावती को किस तरह से नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस विषय में जानकार कहते हैं कि अगर बात आप राम अचल राजभर या लालजी वर्मा की करें तो उनके जाने से बीएसपी को किसी तरह का खास नुकसान नहीं है क्योंकि इन दोनों शख्सियतों की छवि अब कोई बहुत अच्छी नहीं है। लेकिन इनके अलावा जो शेष 9 विधायक हैं उनमें से कई मुस्लिम समाज से आते हैं। बीएसपी की जीत में दलित समाज, मुस्लिम समाज का खास योगदान रहा करता था। ऐसे में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इसके अलावा जिस तरह से पश्चिम उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर का उभार हो रहा है उसकी वजह से सबसे ज्यादा नुकसान बीएसपी को उठाना पड़ सकता है। अगर चंद्रशेखर किसी तरह से सपा से समझौता करने में कामयाब होते हैं तो निश्चित तौर पर मायावती को सियासी नुकसान उठाना पड़ेगा।
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