नई दिल्ली : दिल्ली में फैले प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पड़ोसी राज्यों यूपी हरियाणा और पंजाब सरकारों को बीते दिनों जमकर फटकार लगाई थी। पिछले कुछ महीनों से लगातार पराली जलाए जाने से प्रदूषण की मात्रा में हो रही बढ़ोतरी पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। अब इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य के 26 जिलों के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) से 1 अक्टूबर से 25 नवंबर 2018 और 2019 में जलाए गए परालियों से संबंधित लिखित में जवाब मांगा है। सीएम योगी ने उन्हें 3 दिसंबर तक इन पर जवाब देने को कहा है।
शामली, मेरठ, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, बागपत, हापुड़, आगरा, फिरोजाबाद, हाथरस, कांशीराम नगर, मुरादाबाद, ज्योतिभा फुले नगर, संभल, कानपुर देहात, फरुकाबाद, कन्नौज, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट, भदोही, अमेठी, जालौन और रामपुर के एसपी को मुख्य रुप से लिखित में ये जवाब मांगे गए हैं।
नोटिस जारी कर उनसे इन मामलों पर जवाब मांगा गया है कि उनके क्षेत्रों में पराली जलाने के मामले क्यों बढ़ें हैं जबकि इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे। निर्देश में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में पराली जलाए जाने के कारण आस-पास के इलाकों और पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है।
शीर्ष कोर्ट ने 6 नवंबर को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकारों को सात दिनों के भीतर छोटे तथा सीमांत किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल सहायता देने को कहा था, जिससे पराली जलाने को रोकने में सहायता मिल सके।
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