लखनऊ। देश के अलग अलग हिस्सों की तरह यूपी की कोरोना का सामना कर रहा है। इसके साथ ही अगर बात जुलाई महीने की करें तो यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है, चाहे कानपुर की विकास दुबे का मामला हो या कानपुर में लैब टेक्नीशियन की हत्या का हो या गोंडा में कारोबारी के बच्चे के अपहरण का केस हो। इस तरह की वारदातों से यूपी सरकार की छवि पर असर पड़ा है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी कितना शक्तिशाली क्यों न हो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार के इकबाल पर किसी तरह की चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सामने कोरोना, करप्शन और क्राइम तीन बड़ी चुनौतियां हैं जिसके खिलाफ सरकार की लड़ाई जारी है।
संगठित अपराध बड़ी चुनौती
हाल की घटनाओं के बारे में सीएम ने कहा कि जो पुलिसकर्मी दागी और नाकाम हैं,उनके साथ किसी तरह की ढील नहीं दी जाने वाली है। सरकार क्राइम के खिलाफ आगे बढ़कर मुकाबला कर रही है, वो कहते हैं कि जिस तरह से समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान अपराध संस्कृति के रूप में सामने आई उसके साथ बिना लागलपेट खत्म किया जा रहा है।
टेस्टिंग की वजह से बढ़ रहे हैं मामले
कोविड की बात करते हुए सीएम ने कहा कि यूपी में कोरोना के मामलों में तेजी के पीछे आक्रामक टेस्टिंग है, आज प्रदेश में हर दिन 55 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं जिसे बढ़ाकर प्रति दिन 1 लाख किया जाएगा। इस वजह से केस की संख्या बढ़ेगी लेकिन हमें पहचान और इलाज करने में आसानी होगी।
करप्शन के बारे में बताते हुए कहा कि यहां समाजवाजी पार्टी की कार्यपद्धति को समझना जरूरी है। 2015 में हुदहुद तूफान ने दस्तक दी थी। आप को जानकर आश्चर्य होगी कि मुआवजे का ऐलान हो गया लेकिन उनकी सरकार के बनने तक प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं दिया गया। लेकिन सरकार आते ही उन्होंने सबसे पहले मुआवजा वितरित कराया।
बिना भ्रष्टाचार सरकार चलाने की नीयत
योगी आदित्यनाथ बताते हैं कि कोरोना काल में अब तक किसानों,वेंडर्स पेंशनर्स, प्रवासी मजदूरों को 20 हजार करोड़ की मदद डीबीटी के जरिए दी गई है। इस पूरी प्रक्रिया में किसी तरह की शिकायत भी नहीं मिली है। अगर आप सही नीयत के साथ काम करेंगे तो नतीजा बेहतर आएगा। इसके साथ ही वो कहते हैं कि जिस तरह से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है उसकी वजह से करप्शन पर रोक लगी है। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि किस तरह से तकनीक की मदद से फर्जी कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं। आखिर यह सब नियुक्तियां किसके समय हुई थीं सबको पता है।
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