लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा कर्मियों को दशहरा और दीपावली के पहले बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने मनरेगा कर्मियों के मानदेय वृद्धि की इसी माह से देने की घोषणा की है। उन्होंने मनरेगा कर्मियों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की तरह एचआर पालिसी एक माह के अंदर लाने की घोषणा की है, जिसमें आकस्मित अवकाश 24 दिन और चिकित्सा अवकाश 12 दिन मिलेगा।
यह बातें उन्होंने सोमवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी सम्मेलन के दौरान कहीं। कार्यक्रम का आयोजन डिफेंस एक्सपो मैदान वृंदावन लखनऊ में किया गया था। सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों के जॉब चार्ट में ग्राम्य विकास विभाग के कई अन्य कार्यों को भी जोड़ने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति के पूर्व उपायुक्त मनरेगा की सहमति आवश्यक होगी।
यानि कोई जबरदस्ती नहीं हटा पाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम रोजगार सेवक यदि नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान के निकटतम संबंधी या परिवारीजन हैं, तो उन्हें निकटतम रिक्त ग्राम पंचायत में तैनात किया जाएगा। उनकी सेवाएं समाप्त नहीं होंगी। इसी तरह उन्होंने महिला ग्राम रोजगार सेविका के विवाह के बाद उन्हें नए जिले में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा सभी महिला संविदा कार्मिकों 180 दिन का मातृत्व अवकाश लागू कर दिया गया है।ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह और राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इन मनरेगा कर्मियों का बढ़ा मानदेय
सीएम योगी ने मनरेगा कर्मियों को अब ग्राम रोजगार सेवकों को 10 हजार, तकनीकी सहायकों को 15,656, कंप्यूटर आपरेटरों को 15,156, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को 34,140, लेखा सहायक को 15,156, आपरेशन सहायक को 18,320, हेल्पलाइन एक्जीक्यूटिव को 18,320, चतुर्थ श्रेणी कर्मी को नौ हजार, ब्लॉक सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 14,100, डिस्ट्रिक्ट सोशल आडिट कोआर्डिनेटर को 19 हजार नौ सौ रुपए का मानदेय अक्तूबर माह से देने की घोषणा की है।
भ्रष्टाचार संज्ञान में आए, तो करें कठोरता पूर्वक कार्यवाही: सीएम योगी
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि भ्रष्टाचार मुक्त पूणर्त: पारदर्शी ढंग से लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाए और जहां कहीं भी भ्रष्टाचार के प्रकरण संज्ञान में आएं, उसमें कठोरता पूर्वक कार्यवाही भी की जाए। उन्होंने कहा कि विभाग को इस वर्ष कम से कम 20 लाख परिवारों को सौ दिन का रोजगार देते हुए 13 हजार करोड़ का कार्य कराना चाहिए। महिला मेटों का समयबद्ध ढंग से प्रशिक्षण होने पर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं के स्वावलंबन में बड़ी भूमिका हो सकती है।
225 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय
उन्होंने कहा कि मुझे याद है, जब ग्राम रोजगार सेवकों को कई-कई वर्षों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता था। यह बात अकसर हमारे सामने आती थी। हमने कहा कि यह सभी लोग शासन से अल्प मानदेय पाते हैं और इसे भी हम कई-कई वर्षों तक न दें, तो अन्याय है। तत्काल हमने शासन से 225 करोड़ रुपए स्वीकृत किए और विभाग ने समयबद्ध ढंग से पहुंचाने का कार्य किया। इसी प्रकार से अप्रैल 2020 में मनरेगा संविदा कर्मियों का भुगतान राज्य स्तरीय केंद्रीयकृत पूल के माध्यम से जो पहले नहीं हो पाता था, उसे अब सीधे उनके खाते में भेजने की व्यवस्था कर दी गई है।
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