आज दो करोड़ श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देगी UP सरकार, सीएम योगी खुद ट्रांसफर करेंगे धनराशि

योगी सरकार एक बार असंगठित क्षेत्र के कामगारों की मदद के लिए आगे आई है। सीएम योगी आज करीब दो करोड़ कामगारों के खातों में भरण पोषण भत्ता ट्रांसफर करेंगे।

UP Govt to Provide Maintenance Allowance to 2 Crore Labourers Amid Covid Pandemic
आज दो करोड़ श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देगी UP सरकार 
मुख्य बातें
  • आज मुख्यमंत्री योगी ट्रांसफर करेंगे दो करोड़ श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता
  • बीजेपी बोली- योगी राज में सुरक्षित है वंचित तबके का जीवन और जीविका
  • प्रदेश में पंजीकृत कुल श्रमिकों की संख्या है 5.90 करोड़ से अधिक 

लखनऊ: योगी राज में असंगठित कामगारों/ निर्माण श्रमिकों की जीवन और जीविका को सुरक्षित रखने का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ीं में सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो करोड़ श्रमिकों को एक हजार रुपये की राशि उनके खाते में सौंपेंगे। प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 50908745 करोड़ (पांच करोड़ 90 लाख आठ हजार 745) है। इसमें से ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कामगारों की संख्या 38160725 और बीओसी डब्लू बोर्ड के अंतर्गत कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 12748020 है। इनमें से पहले चरण में कुल दो करोड़ कामगारों के खाते में भरण पोषण भत्ता भेजा जाएगा।

पहले भी यूपी सरकार दे चुकी है भत्ता 

योगी सरकार ने पहले भी श्रमिकों, सट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाने का काम किया था। जिसके बाद कई राज्यों ने भी योगी सरकार की व्यवस्था को लागू किया।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रदेश के दो करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता राशि देने का शुभारम्भ करेंगे। योगी सरकार एक बार फिर कोरोना काल में श्रमिकों और वंचित तबके की जीवन और जीविका बचाने का काम फिर शुरू करने जा रही है।  वैश्विक महामारी कोरोना की मार से समाज का हर तबका प्रभावित रहा।

चूंकि दूसरी लहर पहले की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक थी, लिहाजा इसका असर भी उसी अनुसार रहा। इसके साथ यह भी सच है कि समाज का सबसे वंचित तबका जिसके परिवार का गुजारा उसकी मुखिया की रोज की कमाई पर निर्भर करता है,वह इस अभूतपूर्व और अप्रत्याशित महामारी से सर्वाधिक प्रभावित रहा। इसमें सड़क के किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं। इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं।

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प्रत्येक सदस्य को प्रदान किया था राशन

कोविड महामारी के बीच जीवन और जीविका को सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रयासों के क्रम में शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को एक माह के लिए ₹1,000 का भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया था। योगी सरकार ने विगत वर्ष कोविड काल में सरकार ने रिक्‍शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन प्रदान किया था। वहीं, उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था।

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