नई दिल्ली: हाल ही में उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के विरोध को लेकर खासे विरोध प्रदर्शन हुए थे, इसमें कई जगहों पर हिंसात्मक प्रदर्शन भी सामने आए थे। हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का नाम प्रमुखता से आ रहा है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इस संगठन ने हिंसक गतिविधियों को उकसाने में अहम भूमिका अदा की थी।
इससे चलते कुछ लोगों की मौत भी प्रदेश में हो गई थी वहीं उत्तर प्रदेश के मंत्री मोहसिन रज़ा ने पीएफई के बारे में टिप्पणी की है और कहा है कि जो लोग भारत के छात्र इस्लामिक मूवमेंट (सिमी) से जुड़े थे, उसके प्रतिबंध के बाद उन्होंने ही एक नया संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) बनाया जो युवाओं को कट्टरपंथी बनाना चाहते हैं और उन्हें आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते हैं।
बुधवार को ही पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 25 व्यक्तियों को विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रवीण कुमार, आईजी (लॉ एंड ऑर्डर), उत्तर प्रदेश ने ये जानकारी दी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर राज्य के कई हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शन के पीछे पीएफआई की भूमिका सामने आई है।
पिछले हफ्ते यूपी पुलिस ने PFI के तीन सदस्यों को लखनऊ से गिरफ्तार किया था, जिसमें राज्य प्रमुख वसीम भी थी। 18 शामली से और 4 मेरठ से गिरफ्तार किए गए। लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में हुई हिंसा की जांच में जानकारी सामने निकल कर आ रही है कि पीएफआई से जुड़े लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ मैसेज इत्यादि भेजकर लोगों को उकसाया था जिसकी प्रतिक्रिया में हिंसा की वारदातें हुईं।
वहीं इस बारे में बुधवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा है कि हिंसा में PFI की भूमिका आगे आ रही है, गृह मंत्रालय सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय करेगा।
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