लखनऊ : कोरोना संकट की वजह से करीब एक साल से बंद पड़े उत्तर प्रदेश प्राथमिक विद्यालय सोमवार से खुल गए। इनमें निजी विद्यालय भी शामिल हैं। कक्षा एक से पांचवी के छात्र जब यूनिफॉर्म में स्कूल पहुंचे तो उनका स्वागत हुआ। कई स्कूलों को गुब्बारे से सजाया गया था और छात्रों के पहुंचने पर उनका तिलक लगाकर एवं आरती उतारकर स्वागत किया गया।
गोरखपुर स्थित रावत पाठशाला में छात्रों को स्वागत आरती और टीका के साथ हुआ। स्कूल के प्रधानाचार्य बृजनंद प्रसाद यादव ने कहा, 'स्कूल में डेस्क एवं बेंच को सेनिटाइज किया गया है। छात्रों को मास्क पहनने एवं हाथ धोने के लिए कहा गया है। हम राज्य सरकार की ओऱ से जारी गाइडलाइन का पालन करने के लिए तैयार हैं।'
यादव ने कहा कि मास्क को स्कूल यूनिफॉर्म के साथ अनिवार्य किया गया है। बिना मास्क वाले बच्चों को स्कूल में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। स्कूल की अध्यापिका संगीता सिंह ने कहा, 'स्कूल में दोबारा छात्रों को पाकर हम काफी खुश हैं। कोरोना संकट के दौरान छात्रों की पढ़ाई को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हमने 100 दिनों का एक मॉडल तैयार किया है।'
वहीं, करीब 12 महीनों के बाद स्कूल पहुंचे छात्रों में उत्साह देखा गया। एक छात्र ने कहा कि वह दोबारा स्कूल आकर और दोस्तों से मिलकर काफी खुश है। एक छात्र ने कहा, 'मैंने काफी समय से अपने दोस्तों से नहीं मिला था। मैं अपने शिक्षकों को देखकर काफी खुश हूं।'
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी लाखनऊ के एक प्राथमिक विद्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छात्रों से बातचीत की और उनके बीच चॉकलेट का वितरण किया।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इस समय प्रदेश में कोविड-19 के 2103 एक्टिव केस हैं। अब तक सूबे में कोरोना महामारी से 5,92,699 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 8725 लोगों की जान गई है।
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