लखनऊ : बुंदेलखंड में पानी का संकट खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इजरायल के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस करार के तहत इजरायल की कंपनी सिंचाई के लिए न केवल आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी बल्कि जल संरक्षण एवं पानी की आपूर्ति कैसे की जाए इस पर उपाय भी सुझाएगी। 'इंडिया इजरायल बुंदेलखंड वाटर प्रोजेक्ट' के पहले चरण को झांसी के बबीना ब्लॉक के 25 गांवों में लागू किया जाएगा। इस सहमति पत्र पर भारत में इजरायल के राजदूत डॉ रॉन माल्का और उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पाद कमिश्नर आलोक सिन्हा के हस्ताक्षर हुए हैं।
परियोजना से जल संकट की स्थिति दूर होगी
इस मौके पार माल्का ने कहा कि इस सहयोग की परियोजना से खासकर बुंदेलखंड सहित जल संकट का सामना करने वाले क्षेत्रों का काफी फायदा पहुंचेगा। इस परियोजना के बारे में बताते हुए सिन्हा ने बताया कि आधुनिक कृषि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए क्षेत्र में सिंचाई के साधन खड़े करने के प्रयास किए जाएंगे। इसमें ड्रिप से सिंचाई भी शामिल है। अधिकारी ने आगे बताया कि झांसी के पाहुज बांध से ड्रिप सिंचाई के लिए जल का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके बाद इस सुविधा का विस्तार झांसी एवं आसपास के इलाकों में किया जाएगा।
इजरायल के विशेषज्ञ करेंगे मदद
सिन्हा ने कहा, 'यह एमओयू केवल तकनीक के ट्रांसफर तक ही सीमित नहीं है। इस परियोजना के तहत हमें इजरायल के विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे। ये विशेषज्ञ हमें क्षमता निर्माण में मदद करने के साथ-साथ सामने आने वाली समस्याओं का हल निकालन में भी अपना योगदान देंगे। आने वाले समय में हम इस परियोजना में अन्य आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।' इस परियोजना को लागू करने के लिए अभी दो वर्षों का समय तय किया गया है लेकिन क्षेत्र की जरूरतों को देखते हुए इस बढ़ाया जा सकता है। यह परियोजना देश के 28 जिलों में लागू की जा रही है और इनमें से दो जिले उत्तर प्रदेश में हैं।
कृषि पर संकट को दूर कर रही योगी सरकार
बता दें कि कोविड-19 संकट के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कई देशों के साथ करार किए हैं। राज्य की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को बढ़ाने एवं किसानों को राहत पहुंचाने के लिए यूपी सरकार फैसले ले रही है।
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