लखनऊ : राज्य में 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहल शुरू कर दी है। योगी सरकार ने 'लव जिहाद' के खिलाफ एक सख्त कानून के लिए प्रस्ताव भेज दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के गृह विभाग ने इस दिशा में अपना प्रस्ताव कानून मंत्रालय के पास भेजा है। इससे पहले भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ विधेयक लाने की कवायद शुरू हो गई है।
एमपी में भी बनेगा कानून
शिवराज सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ दिनों पहले कहा कि राज्य में 'लव जिहाद' पर रोक लगाने के लिए एवं मामले में दोषी व्यक्तियों को सजा देने के लिए विधानसभा के अगले सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधेयक में 'लव जिहाद' को संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध मानने का प्रावधान किया जाएगा। मिश्रा ने मंगलवार को कहा, 'हम विधानसभा में मध्य प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020 पेश करने जा रहे हैं। इसमें पांच साल के कठिन सजा का प्रावधान होगा।'
हिमाचल प्रदेश में पहले से है 'लव जिहाद' पर कानून
बता दें कि हिमाचल प्रदेश अपने यहां 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लागू कर चुका है जबकि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा इसी तरह का कानून लाने पर विचार कर रहे हैं। गृह मंत्री ने आगे कहा कि 'लव जिहाद' जैसे मामलों को बढ़ावा देने और आरोपियों की मदद करने वाले लोगों को भी कठघरे में लाया जाएगा और उन्हें सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अंतर जातीय शादी के बाद धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने वाले लोग भी सजा के पात्र होंगे।
हरियाणा भी विधेयक लाने की तैयारी में
मिश्रा ने कहा कि इच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को इस बारे में कलेक्टर कार्यालय को एक महीने पहले सूचित करना होगा। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कुछ सप्ताह पहले विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कानून लाने के बारे में सोच रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकार से उसके विधेयक पर जानकारी मांगी है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले साल जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक विधेयक पारित किया।
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