'नया उत्तर प्रदेश', यह शब्द कई बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुंह से सुना जा चुका है। आखिर क्या है सीएम योगी के नए उत्तर प्रदेश की परिभाषा? सीएम योगी का नया उत्तर प्रदेश विकास की दिशा में बढ़ता प्रदेश है, नया उत्तर प्रदेश संकट को अवसर में बदलने वाला प्रदेश है और नया उत्तर प्रदेश रोजगार सृजन करने वाला प्रदेश है। मुख्यमंत्री योगी हर उस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जहां से प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार के मौके बनाए जा सकें।
कोरोना काल में 30 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश आए। इनमें श्रमिक, दिहाड़ी मजदूर, छोटे दुकानदार और नौकरीपेशा वाले ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका रोजगार कोरोना ने छीन लिया। उत्तर प्रदेश सरकार इन सभी प्रवासियों को रोजगार देने की दिशा में व्यापक स्तर पर रूपरेखा बनाकर काम कर रही है। सीएम योगी प्रदेश के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के सतत प्रयास कर रहे हैं।
कुछ ही वक्त पहले एमएसएमई और कई उद्यमी संगठनों के बीच करार के द्वारा 11.5 लाख प्रवासी कामगारों को रोजगार देने का काम योगी सरकार ने किया। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी छह महीनों में रोजगार के 20 लाख से अधिक अवसर तैयार करने का निर्देश दे दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एम.एस.एम.ई. को बढ़ावा देने के लिए 'उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (अवस्थापना एवं संचालन) अधिनियम-2020' स्वीकृत किया गया है। इससे अब मात्र 72 घंटों में मिलेगी एम.एस.एम.ई. को मंजूरी, उद्यमी 1000 दिनों में यूपी के भीतर उद्यम स्थापित कर सकेंगे। सीएम योगी कहा कहना है कि औद्योगिक उन्नति को अपनी प्राथमिकता मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अग्रसर है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 7.66 लाख से अधिक एम.एस.एम.ई. इकाइयों को ₹22,296 करोड़ का ऋण वितरित किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के एक नए हब के रूप में उभरते उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2020 को स्वीकृति दे दी गई है। प्रदेश में ₹40,000 करोड़ की लागत से 03 इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स स्थापित होंगे। इस नीति के तहत निवेशकों को स्टांप ड्यूटी और 10 वर्षों तक इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट मिलेगी, वहीं लगभग चार लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना होगी।
मुख्यमंत्री ने कुछ वक्त पहले ही कहा था कि पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड इत्यादि क्षेत्रों में लगने वाली इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। इसी लिए इस पॉलिसी में पूर्वांचल, मध्यांचल, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसी पॉलिसी तैयार की गई है जिससे निवेशकों को यह संदेश मिलेगा कि यूपी का आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग निवेश को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह तैयार है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स बनने से प्रदेश में ही रोजगार के अवसर मिलने पर यहां के कामगार/श्रमिक दूसरे राज्यों में काम ढूंढ़ने नहीं जाएंगे। इससे लेबर माइग्रेशन की समस्या उत्पन्न नहीं होगी।
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